पीलीभीत। पीलीभीत-पूरनपुर मार्ग के हरदोई ब्रांच नहर पुल से माधोटांडा जाने वाले मार्ग का शांत इलाका सोमवार तड़के गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। पूरनपुर के ज्यादातर लोगों की नींद गोलियों की आवाज से खुली। दूर तक गांवों और इस मार्ग से आवागमन कर रहे लोग सकते में आ गए। इसके बाद पुलिस वाहनों के सायरन ने बड़ी घटना की कहानी कह दी। घटना के बाद पुलिस ने पुल के पास बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया।
बाइक से पीलीभीत की ओर जा रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीनों आतंकियों के हरदोई ब्रांच नहर पुल से माधोटांडा जाने वाले रास्ते पर जाने की सूचना मिली तो पंजाब और पूरनपुर पुलिस ने घेराबंदी कर दी। पुल से करीब दो किलोमीटर जाने पर सूनसान स्थान पर आतंकियों को ललकारा गया तो वे हमलावर हो गए। ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
एसपी ने भी कई राउंड फायरिंग की बात कही। बताया कि काफी संख्या में खोखे मिले हैं। जांच की जा रही है। पूरनपुर नगर से करीब 14 किमी दूर हुई इस मुठभेड़ में ताबड़तोड़ फायरिंग से आसपास गांवों और मार्ग से गुजर रहे लोग सहम गए। लोगों ने पास- पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी। आसपास के कुछ लोग बाइकों से नहर पटरी के रास्ते पर जाने को पहुंचे। इससे पहले ही पुलिस ने नाकेबंदी कर लोगों को माधोटांडा मार्ग पर जाने से रोक दिया।
गोली लगने से घायल आतंकियों को इलाज के लिए आनन-फानन पूरनपुर सीएचसी लाया गया। इलाज में देरी न हो, इसके लिए पुलिस ने सीएचसी की नाकेबंदी कर करीब एक घंटे तक किसी को अस्पताल में घुसने नहीं दिया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनीष राज शर्मा का कहना है कि आतंकी प्रताप सिंह उर्फ जसनप्रीत सिंह और अन्य दोनों के सीने में चोट थी। एक्सरे के लिए तीनों आतंकियों को रेफर है। इसके बाद घायल सिपाही मोहम्मद शहनवाज और माधोटांडा थाने के सिप राठी निवासी चांदपुर-बिजनौर का इलाज किया गया।
पंजाब में गुरदासपुर जिले के कलानौर थाने की बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले तीन खालिस्तानी आतंकी पंजाब और पीलीभीत पुलिस की संयुक्त टीम से हुई मुठभेड़ में ढेर हो गए। मुठभेड़ पूरनपुर थाना क्षेत्र में हरदोई ब्रांच नहर पुल से माधोटांडा जाने वाले मार्ग पर हुई। आतंकियों के पास से दो एक-47, दो विदेशी ग्लाक पिस्टल और चोरी की एक बाइक बरामद हुई है। मुठभेड़ में दो सिपाही भी घायल हुए। पूरनपुर थानाध्यक्ष की गाड़ी में भी तीन गोलियां लगी हैं।
सोमवार की तड़के करीब 5:30 बजे पीलीभीत-पूरनपुर मार्ग पर हरदोई ब्रांच नहर के पास से आवागमन कर रहे राहगीर गोलियों की आवाज सुनकर चौंक गए। थोड़ी देर बाद ही पुलिस की गाड़ियों के सायरन सड़क पर गूंज उठे और कई गाड़ियां सुबह 6:10 बजे पूरनपुर सीएचसी पहुंची। गाडियाें से घायल हालत में तीन अपराधियों को उतार कर अस्पताल के अंदर ले जाया गया, तब जाकर लोगों को मुठभेड़ का पता चला। हरदोई ब्रांच नहर पुल से माधोटांडा मार्ग पर करीब तीन किलोमीटर दूर खेतों में हुई इस मुठभेड़ में पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले तीन खालिस्तानी आतंकी घायल हुए। घायल आतंकियों ने पुलिस टीम पर कई राउंड फायर किए। इसमें माधोटांडा थाने का सिपाही सुमित राठी और शाहनवाज घायल हो गए। आरक्षियों को भी सीएचसी लाया गया।
खालिस्तान समर्थक तीन आतंकियों को मार गिराने के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि आतंकियों ने छिपने के लिए पीलीभीत को ही क्यों चुना। पीलीभीत पहले भी खालिस्तान समर्थक आतंकियों के छिपने की पसंदीदा जगह रहा है। 33 साल पहले 1991 में भी एक ही दिन अलग-अलग तीन मुठभेड़ों में 10 आतंकी मारे गए थे। सूत्रों की मानें तो सोमवार को मारे गए रविंदर, वरिंदर और जसनप्रीत सिंह दो दिन पहले यहां आ गए थे। वे पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र के सिख बहुल इलाके में रह रहे थे। चूंकि नेपाल की सीमा भी यहां से सटी हुई है। ऐसे में आशंका है कि ये तीनों नेपाल भागने की फिराक में थे।
खालिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ के बाद जिले में पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। सीमाओं पर सख्ती बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड सीमा के साथ ही नेपाल सीमा पर भी सतर्कता बरती जा रही। मुठभेड़ के बाद अमरिया में रामलीला मैदान के पास हरिद्वार हाईवे व उत्तराखंड बॉर्डर पर वाहनों की सघन चेकिंग की गई। मझोला में उत्तराखंड बाॅर्डर के पास भी सख्ती दिखी।
घायल आतंकियों को लेकर सीएचसी पूरनपुर पहुंचते ही पुलिस ने अस्पताल की सुरक्षा सख्त कर दी। सीओ सिटी, सीओ पूरनपुर ने टीम के साथ सीएचसी की घेराबंदी कर रखी थी। आतंकियों व घायल पुलिसकर्मियों का मेडिकल होने तक पुलिस ने किसी को भी सीएचसी में घुसने नहीं दिया। घटनास्थल पर फाॅरेंसिक टीम जाने के बाद सुबह 10 बजे पुलिस ने नहर पटरी से बैरिकेडिंग हटाई।
नेपाल की खुली सीमा की वजह से वर्तमान में तराई का शांत माना जाने वाला इलाका पीलीभीत आतंकियों और कुख्यात अपराधियों की शरणगाह बनता जा रहा है। जिले में कई स्थानों पर नेपाल की सीमा लगती है। वहां लोगों का आवागमन रहता है। ऐसे में कई बार इस तरह की गतिविधियां सामने आई हैं। कुछ माह पहले गैंगस्टर की हत्या करने वाले अपराधी भी यहां पकड़े जा चुके हैं। मुख्य रूप से पूरनपुर और कलीनगर क्षेत्र से नेपाल की सीमा जुड़ती है। जिले में भारतीय सीमा के 17 नंबर पिलर से 28 तक करीब 40 किमी नेपाल सीमा है। कई स्थानों पर सीमा पूरी तरह खुली है। सिर्फ सीमा पिलर ही लगे हैं। कच्चे रास्ते और जंगल के बीहड़ इलाके भी हैं। आवागमन भी काफी सुगम है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आतंक के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की गई है। इससे यह माड्यूल कमजोर होगा, जिससे भविष्य में होने वाली कई बड़ी घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। -प्रशांत कुमार, डीजीपी