
देहरादून |उत्तराखंड डिजिटल शासन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। राज्य के सभी नगर निकायों में जल्द ही नागरिकों को 18 सेवाएं एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने “म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (MSSC)” प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 22.8 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। देशभर के केवल 10 राज्यों को इस डिजिटल प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है, जिनमें उत्तराखंड भी शामिल है।
प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि
उत्तराखंड के शहरी विकास विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आईटीडीए (Information Technology Development Agency) के सहयोग से जुलाई 2025 में इस परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) के तहत आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा गया था। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही यह योजना उत्तराखंड में शहरी डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी नगर निकायों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना है, जिससे नागरिकों को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत न पड़े। अब नगर सेवाएं मोबाइल या वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे उपलब्ध होंगी। साथ ही नगर निकायों के कार्यालयों में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन, कर्मचारियों का तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर चार आधुनिक नगर सेवा केंद्र
राज्य में चार प्रमुख नगरों देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर आधुनिक नगर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर नागरिकों को सभी 18 सेवाओं का लाभ एक ही स्थान पर मिलेगा। इससे शहरी निकायों की सेवाओं में पारदर्शिता, गति और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
ये 18 सेवाएं होंगी डिजिटल
- प्रॉपर्टी टैक्स आकलन और भुगतान
- विविध चार्ज एकत्रीकरण प्रणाली
- पानी और सीवेज कनेक्शन प्रबंधन
- ट्रेड लाइसेंस आवेदन और भुगतान
- जन शिकायत निवारण प्रणाली (Public Grievance Redressal)
- फायर एनओसी (Fire NOC)
- वित्त और लेखा प्रबंधन मॉड्यूल
- सेप्टिक टैंक एवं स्लज निकासी सेवा
- पालतू कुत्तों का पंजीकरण (Pet Registration)
- ई-वेस्ट प्रबंधन
- कम्यूनिटी हॉल बुकिंग प्रणाली
- नगर परिसंपत्तियों का प्रबंधन (Asset Management)
- रेहड़ी-ठेली प्रबंधन प्रणाली (Street Vendor Management)
- विज्ञापन और होर्डिंग की स्वीकृति प्रक्रिया
- निर्माण एवं विध्वंस (C&D) कचरा प्रबंधन
- नागरिक अनुरोध सेवाएं (जैसे पेयजल टैंकर, मोबाइल टॉयलेट)
- नगर सेवा केंद्रों की डिजिटल सुविधा
- भू-सूचना प्रणाली (GIS मॉड्यूल)
(नोट: जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सेवाएं पहले से संचालित हैं, जिन्हें इस प्लेटफॉर्म में जोड़ा जाएगा।)
कैसे बदलेगा सिस्टम
- सभी नगर निकायों में नागरिक सेवाओं का एकीकृत डिजिटल मंच बनेगा।
- नागरिक ऑनलाइन आवेदन, शुल्क भुगतान और शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
- कागजी कार्यवाही कम होगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।
- कर्मचारियों को नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण देकर प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाई जाएगी।
सरकार और विभागीय प्रतिक्रिया
नितेश झा, सचिव (शहरी विकास एवं आईटी) ने कहा —
“उत्तराखंड के सभी नगर निकायों के एमएसएससी प्रोजेक्ट को केंद्र की मंजूरी मिलना राज्य के लिए गर्व की बात है। इस परियोजना से नागरिकों को नगर सेवाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिलेगा। शहरी विकास विभाग और आईटीडीए मिलकर इसका एकीकृत मंच तैयार करेंगे।”
परियोजना से लाभ
- नागरिकों को घर बैठे सुविधाएं मिलने लगेंगी।
- शिकायत निवारण प्रणाली पारदर्शी और ट्रैकिंग-आधारित होगी।
- भ्रष्टाचार और फाइल पेंडेंसी में कमी आएगी।
- राज्य के शहरी निकायों की कार्यक्षमता और जनसंतुष्टि दोनों में सुधार होगा।
- ई-गवर्नेंस मॉडल के तहत उत्तराखंड डिजिटल इंडिया मिशन में अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।