
ज्योतिर्मठ (चमोली) | हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा के अनुसार, शुक्रवार सुबह 10 बजे सुखमणी साहिब का पाठ आरंभ होगा। इसके बाद कीर्तन और अंतिम अरदास की जाएगी। गुरुग्रंथ साहिब जी को सचखंड में सुशोभित करने के पश्चात दोपहर 1 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी क्रम में लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी 12 बजकर 31 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के साथ ही इस पवित्र धाम में शीतकालीन विराम शुरू हो जाएगा, जो अगले वर्ष गर्मियों में कपाट खुलने तक जारी रहेगा।
श्रद्धालुओं की भीड़ और भावनात्मक माहौल
कपाट बंद होने की प्रक्रिया देखने के लिए हजारों श्रद्धालु घांघरिया और हेमकुंड साहिब परिसर में एकत्र हुए हैं। अंतिम अरदास के दौरान “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा है। बर्फ की हल्की परत और ठंडी हवाओं के बीच श्रद्धालु गुरु के चरणों में नतमस्तक होकर वर्षभर की सेवा और दर्शन का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
प्रकृति का सौंदर्य और बर्फबारी
पिछले कुछ दिनों से जारी हिमपात के कारण हेमकुंड घाटी और आस-पास के पहाड़ बर्फ की मोटी परत से ढक गए हैं। इससे तापमान शून्य के आसपास पहुंच गया है। ट्रेकिंग मार्ग पर बर्फ जमने के कारण यात्रा मार्ग फिसलन भरे हो गए हैं, इसलिए कपाट बंद होने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से आम जन की आवाजाही रोक दी जाएगी।
हेमकुंड साहिब यात्रा 2025 का विवरण
इस वर्ष 25 मई 2025 को हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए थे। लगभग 139 दिन चली यात्रा के दौरान दो लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। ट्रस्ट के अनुसार, इस बार मौसम अधिकांश दिनों में अनुकूल रहा और यात्रा निर्विघ्न रूप से संचालित हुई।
धार्मिक महत्व
हेमकुंड साहिब वह स्थान है जहाँ दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने तपस्या की थी। यहां स्थित सात हिमाच्छादित पर्वतों और बीच में फैले नीले सरोवर की सुंदरता इसे आध्यात्मिक और प्राकृतिक दोनों ही दृष्टियों से अद्वितीय बनाती है। इसके निकट ही स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर, भगवान राम के भाई लक्ष्मण जी की तपस्थली मानी जाती है।
प्रशासनिक तैयारियाँ
हेमकुंड साहिब ट्रस्ट और प्रशासन ने कपाट बंद होने की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। बर्फबारी और ठंड के कारण ट्रेकिंग मार्ग पर घांघरिया से आगे जाने की अनुमति आज के बाद बंद कर दी जाएगी। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने भी बताया कि अगले कुछ दिनों में मार्ग पूरी तरह बर्फ से ढक जाएगा, इसलिए शीतकालीन सीजन के लिए मार्ग बंद किया जा रहा है।
भक्तों के लिए संदेश
ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे कपाट बंद होने के बाद हेमकुंड साहिब की ओर प्रस्थान न करें, क्योंकि मौसम अत्यधिक प्रतिकूल हो जाता है। शीतकाल में गुरुग्रंथ साहिब जी की सेवा और पाठ शीतकालीन गद्दी स्थल गुरुद्वारा गोविंद घाट में संपन्न होंगे।