
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में आठ लोगों की जान चली गई। यह हादसा मुवानी कस्बे से बोकटा गांव की ओर जा रही एक मैक्स जीप के अनियंत्रित होकर 150 फुट गहरी खाई में गिरने से हुआ। प्रारंभिक जांच में दुर्घटना का कारण ओवरलोडिंग और वाहन का स्टीयरिंग लॉक होना सामने आया है।
नियमों की अनदेखी बनी मौत का कारण
दुर्घटनाग्रस्त जीप में क्षमता से अधिक, कुल 14 सवारियां बैठाई गई थीं। नियमों की अनदेखी और स्टीयरिंग की तकनीकी खराबी ने वाहन को गहरी खाई में गिरा दिया। यह हादसा भंडारीगांव पुल से एक किलोमीटर आगे हुआ।
लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएं
पिथौरागढ़ जिले में यह हादसा कोई पहला नहीं है। पिछले एक वर्ष में जिले में 19 लोगों की जान सड़क हादसों में जा चुकी है। अप्रैल 2024 में चमाली मोटर मार्ग पर चार युवाओं की, अक्टूबर 2024 में कनारी पांभैं सड़क पर तीन युवकों की, फरवरी 2025 में थल-डीडीहाट मार्ग पर दो युवकों की और हाल में मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर सात लोगों की मौत हो चुकी है। इन हादसों के पीछे कभी खराब सड़कें, कभी लापरवाही, तो कभी ओवरलोडिंग जैसे कारण सामने आए हैं। प्रशासनिक सख्ती केवल हादसे के बाद तक सीमित रहती है।
विधायक व प्रशासन मौके पर
हादसे की सूचना मिलते ही डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल मुवानी पहुंचे और पीड़ितों को सांत्वना दी। उन्होंने घायलों का हाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
- सीएमओ डॉ. एसएस नबियाल ने जिला अस्पताल पहुंचकर उपचार व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
- थल तहसीलदार राम प्रसाद और थानाध्यक्ष शंकर रावत भी राहत-बचाव टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे।
डीएम ने दिए जांच और सख्ती के निर्देश
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने एआरटीओ को सभी यात्री वाहनों की जांच करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। उन्होंने आपात कोर कमेटी की बैठक बुलाई और पुलिस, परिवहन, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन विभाग सहित सभी संबंधित अधिकारियों से दुर्घटना के कारणों की समीक्षा की। डीएम ने सभी खतरनाक मोड़ों पर सुरक्षा संकेतक और साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए और सड़क सुरक्षा नियमों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
मुवानी में हुआ मृतकों का पोस्टमार्टम
जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी मृतकों का पोस्टमार्टम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुवानी में किया जा रहा है। सीएमओ के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम वहां भेजी गई। शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों की परिवहन व्यवस्था और लापरवाह परिवहन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बार-बार होने वाली दुर्घटनाएं केवल आंकड़ों तक सिमटकर न रह जाएं, इसके लिए ज़मीनी स्तर पर स्थायी और कठोर कदम उठाना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।