
प्रयागराज। जोन में अपराध करने के बाद एक से दूसरे जिले में भागने वाले बदमाशों की अब खैर नहीं। जोन के सभी सातों जिलों की पुलिस अब डिजिटल वायरलेस सेट पर एक-दूसरे से संपर्क कर सकेंगी। वारदात के बाद जरूरत पड़ने पर तुरंत सूचनाएं साझा कर सकेंगी। एडीजी प्रयागराज जोन डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया, अब तक सूचना प्रसारित करने के लिए एनालॉग वायरलेस सेट का इस्तेमाल होता है। फ्रीक्वेंसी कम होने से इसके जरिये जिले में या एक निश्चित क्षेत्र में ही सूचनाएं प्रसारित की जा सकती थीं।
यह अलग-अलग ग्रिड पर काम करते थे और संबंधित ग्रिड से जुड़े वायरलेस सेट ही कनेक्ट हो सकते थे। एनालॉग वायरलेस सेट से दूसरे जिले की पुलिस से संपर्क करने की कोई सुविधा नहीं थी। इसी समस्या को देखते हुए पुलिस संचार माध्यम में डिजिटल वायरलेस सेट की व्यवस्था की गई है। इस सेट के जरिये अंतर्जनपदीय संचार सुविधा का भी लाभ उठाया जा सकता है। एक जिले की पुलिस डिजिटल वायरलेस सेट के जरिये दूसरे जनपद की पुलिस से भी संपर्क कर सकती है।
इसका फायदा यह है कि किसी भी आपात स्थिति में अलग-अलग जिलों की पुलिस आपस में संपर्क स्थापित कर वास्तविक स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकती हैं। एडीजी जोन ने बताया, प्रयागराज रेंज के तीनों जिलों प्रतापगढ़, कौशाम्बी और फतेहपुर में डिजिटल वायरलेस सेट पुलिस को उपलब्ध करा दिए गए हैं। चित्रकूट धाम रेंज के चार जिलों चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और महोबा में भी जल्द ही सेट उपलब्ध होंगे।
अफसरों ने बताया, एनालॉग वायरलेस सेट में कई बार ध्वनि स्पष्ट नहीं सुनाई पड़ती, जबकि डिजिटल सेट में ऐसा नहीं है। इसमें एनालॉग वायरलेस सेट की अपेक्षा ध्वनि कई गुना बेहतर है और इससे संवाद में किसी तरह की चूक की भी संभावना नहीं रहती। एडीजी जोन प्रयागराज ने बताया, डिजिटल वायरलेस सेट का इस्तेमाल महाकुंभ के दौरान किया जा चुका है। महाकुंभ में पुलिस संचार व्यवस्था को सशक्त और प्रभावी बनाने में इन डिजिटल वायरलेस सेट्स का अहम योगदान रहा। यही वजह रही कि अप्रिय स्थितियों में भी 42 किमी क्षेत्र में बसे महाकुंभ में सूचनाओं का आदान-प्रदान निर्बाध रूप से होता रहा और प्रभावी तरीके से पुलिसिंग की जा सकी।