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वाराणसी। ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 80 लाख रुपये की साइबर ठगी करने के आरोप में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के विजय नगर थाने के बुद्ध विहार के दीपक कुमार व कुनाल विश्वास और मैनपुरी के अजीतगंज थाने के इटौरा के भानू प्रताप के रूप में हुई है। तीनों आरोपियों के पास से 19 मोबाइल, तीन लैपटॉप, तीन कंप्यूटर, एक कंपनी डेटा शीट, दो पेन ड्राइव, एक वाई-फाई, एक लैंडलाइन टेलीफोन, एक डोंगल, चार सिम और 20690 रुपये बरामद किया गया है। तीनों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
सारनाथ थाने के पहड़िया क्षेत्र की आनंद पुरी कॉलोनी के अखिलेश कुमार पांडेय ने 17 जनवरी को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अखिलेश ने बताया कि अपराधियों ने उनका डेटा जाॅब प्रोवाइडर कंपनी से लेकर उनसे इंडीड कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर संपर्क किया। ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 80 लाख की साइबर ठगी की गई। डीसीपी गोमती जोन/ क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि खुलासे के लिए साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विजय कुमार यादव, राजकिशोर पांडेय और दीनानाथ यादव की टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने लेनदेन से संबंधित बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल फुट प्रिंट की मदद से तीन आरोपियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया। एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि 12वीं पास दीपक गिरोह का सरगना है। कक्षा आठ पास भानू साइबर ठगी से मिले पैसों को इधर से उधर करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराता है। कंप्यूटर साइंस से बीटेक कुनाल साइबर क्राइम से संबंधित इंस्टीट्यूट चलाता है। गिरोह की ओर नोएडा के सेक्टर-10 में काॅल सेंटर बनाया गया है।
गिरोह टाइम्स जॉब इंटरनेट (कूल बूट मीडिया) और वर्क इंडिया से अवैध तरीके से नौकरी खोजने वालों का डेटा लेता है। फिर, नौकरी खोजने वालों को विदेशी कंपनियों में उनकी योग्यतानुसार विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं। नौकरी खोजने वालों को फर्जी डिजिटल हस्ताक्षरित इंटेंट लेटर, ऑफर लेटर और इंटरव्यू लेटर भेजकर झांसे में लेते हैं। इसके बाद फीस और टैक्स के नाम पर कथित कंपनी के म्यूल बैंक खातों में पैसे मंगाए जाते हैं। साइबर अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए म्यूल बैंक खातों और फर्जी नाम-पते के सिम का प्रयोग करते हैं।