
इटावा, 23 जून — उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के महेवा ब्लॉक के दादरपुर गांव में एक भगवताचार्य के साथ जातिगत आधार पर अपमानजनक व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। कथित तौर पर ‘दूसरी जाति’ का आरोप लगाकर भगवताचार्य की न केवल पिटाई की गई, बल्कि उन्हें गांव के लोगों के पैर छूने को मजबूर किया गया और सिर भी मुंडवा दिया गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
घटना के अनुसार, गांव में भागवत कथा का आयोजन चल रहा था और सब कुछ विधिपूर्वक प्रारंभ हुआ था। लेकिन शनिवार को कथित रूप से यह जानकारी सामने आई कि व्यास, यानी कथा वाचक ब्राह्मण नहीं हैं, बल्कि किसी अन्य जाति से संबंधित हैं। इसके बाद कुछ ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और कथा रोक दी गई।
स्थानीय लोगों ने व्यासजी की पिटाई की, फिर सार्वजनिक रूप से उन्हें गांव के लोगों के पैर छूने को बाध्य किया गया और उनका सिर मुंडवा दिया गया। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही सामाजिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
अब तक की स्थिति:
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प्रशासन की ओर से अभी तक किसी आधिकारिक कार्रवाई या गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
- मामला तेजी से सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है, और जातीय भेदभाव, धार्मिक अपमान और सामाजिक असहिष्णुता पर बहस तेज हो गई है।
सवाल उठते हैं:
यह घटना न केवल सामाजिक रूप से शर्मनाक है, बल्कि यह भारत के संविधान में समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और मानव गरिमा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ भी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।