
हरिद्वार/देहरादून — स्वास्थ्य विभाग की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंगलवार को ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने हरिद्वार के खड़खड़ी क्षेत्र में कई मेडिकल स्टोरों पर औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान कई दुकानों पर खुली दवाइयों की बिक्री और बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाएं बेचते हुए पाया गया, जो ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट का खुला उल्लंघन है।
ये सामने आईं अनियमितताएं:
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खुली दवाइयों की बिक्री: कई दुकानों पर बिना सीलबंद पैकेज के दवाइयां बेची जा रही थीं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
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बिना पर्चे के दवाएं: एंटीबायोटिक्स और अन्य संवेदनशील दवाएं बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के उपलब्ध कराई जा रही थीं।
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भंडारण में लापरवाही: कुछ दवाएं अनुचित तापमान या स्थिति में रखी गई थीं।
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा:
“लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ मेडिकल स्टोर खुले में दवाइयां बेच रहे हैं और बिना पर्चे के संवेदनशील दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। आज निरीक्षण में ये अनियमितताएं पाई गईं। संबंधित दुकानदारों को कड़ी चेतावनी दी गई है और अगली बार लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।”
क्यों है यह चिंताजनक?
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स्वास्थ्य पर खतरा: खुली या बिना पर्ची की दवा गंभीर रिएक्शन या दुष्प्रभाव का कारण बन सकती है।
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एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस: बिना चिकित्सकीय सलाह के एंटीबायोटिक का प्रयोग, दवाओं की प्रभावशीलता खत्म कर सकता है।
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फर्जी मेडिकल प्रैक्टिस को बढ़ावा: बिना जांच के दवा देना मरीज की सेहत से खिलवाड़ है।
आम जनता से अपील:
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केवल पंजीकृत डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें।
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खुली या बिना लेबल की दवा लेने से बचें।
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यदि किसी मेडिकल स्टोर में नियमों का उल्लंघन देखें, तो संबंधित विभाग में शिकायत करें।
निष्कर्ष:
ड्रग विभाग की यह कार्रवाई सराहनीय कदम है, लेकिन इसे एकमुश्त नहीं बल्कि नियमित प्रक्रिया बनाना होगा, ताकि दवा वितरण प्रणाली पारदर्शी और सुरक्षित बन सके। स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई ही इसका एकमात्र समाधान है।