
मुरादाबाद। मुरादाबाद में 15 दिन में ही शराब का एक माह का कोटा बिक गया। लाइसेंसधारकों ने 31 मार्च से पहले अपना स्टॉक खत्म करने के लिए एक के साथ एक बोतल फ्री दी। इसके कारण दुकानों पर सुबह से लेकर रात तक लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं। नई शराब नीति के तहत में 105 कंपोजिट, 153 देसी शराब, एक माॅडल शाॅप और सात भांग की दुकानें आवंटित की गई हैं।
इन दुकानों पर मंगलवार से नई शराब नीति के तहत शराब मिलेगी, लेकिन इससे पहले 31 मार्च की रात 10 बजे तक पुरानी दुकानों से ही शराब बेची गई। 15 मार्च से 31 मार्च के बीच 153 देसी, 60 अंग्रेजी, 61 बियर की दुकानों पर औसत से ज्यादा शराब की बिक्री हुई है। जनपद में प्रत्येक माह आठ लाख से ज्यादा देसी शराब की बोतले बिकती हैं।
इसी तरह अंग्रेजी शराब की करीब पांच लाख बोतल और आठ लाख के आसपास बीयर की कैन की बिक्री होती है। लाइसेंसधारी अपने कोटे का पूरा माल तो लेते थे, लेकिन बिक्री न होने के कारण उसे अपने स्टॉक में रखते रहे थे। जिस कारण उनका माल इकट्ठा होने लगा। नई शराब नीति के तहत दुकानों का आवंटन हुआ।
इनमें पुराने लाइसेंस धारियों को दुकानें नहीं मिलीं। इसके कारण उन्हें स्टॉक खत्म करने की चिंता सताने लगी। 15 मार्च से लगातार इन दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। शुरुआत में 20 प्रतिशत छूट पर शराब बेची गई। इसके बाद 30 प्रतिशत कर दी गई। पिछले तीन दिन से 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही थी यानी एक बोतल खरीदने पर एक बोतल मुफ्त दी जा रही थी।
सोमवार रात 10 बजे तक दुकानों पर शराब खरीदने वालों की लाइन लगी रही। शटर बंद होने के बाद ही शराब खरीदने वाले वापस लौटे। मझोला के खुशहालपुर में शराब की दुकान खुलने के विरोध में सोमवार को फिर महिलाएं सड़क पर आ गईं। उन्होंने जाम लगाकर दुकान बंद कराने की मांग की। इसकी जानकारी मिलने पर मझोला थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और महिलाओं को समझाकर शांत किया। इसके बाद जाम खुलवाकर यातायात चालू कराया।
जनपद की सभी दुकानों को हर माह निर्धारित कोटे के हिसाब से ही देसी, अंग्रेजी और बीयर दी गई। आबकारी विभाग को इनका राजस्व भी जमा किया गया है। किसी दुकान पर स्टॉक खत्म करने के लिए कम रेट पर बेचा गया है तो इसकी जानकारी नहीं है। एक अप्रैल से 105 कंपोजिट, 153 देसी शराब, एक माॅडल शाॅप और सात भांग की दुकानों का संचालन किया जाएगा। -महेंद्र पाल, जिला आबकारी अधिकारी