नैनीताल। नैनीताल के भीमताल-हल्द्वानी मार्ग पर आमडाली के पास एक रोडवेज बस 150 फुट गहरी खाई में गिर गई। एक कार को बचाने के प्रयास में यह दर्दनाक हादसा हुआ। दुर्घटनाग्रस्त बस के चालक का कहना है कि हल्द्वानी से भीमताल की तरफ आ रही कार लंवा मोड़ काटते हुए बस के अचानक सामने आ गई और उसे बचाने के चक्कर में हादसा हो गया। हल्द्वानी डिपो के घायल चालक रमेश चंद्र पांडे को एसटीएच लाया गया। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने बताया कि बस भीमताल से निकली ही थी कि आमडाली के पास एक तेज रफ्तार कार हल्द्वानी से आ रही थी। मोड़ काटते समय कार विपरीत दिशा में पहुंच गई, उसे बचाने के लिए मैंने बस पैरापिट की तरफ काटी। बस पैरापिट से टकरा गई।
मैंने बस को सड़क की तरफ लाने की काफी कोशिश की, लेकिन बस खाई में गिर गई। हादसा होते ही कार चालक भाग गया। एसटीएच में भर्ती घायल परिचालक गौलापार निवासी गिरीश चंद्र दानी ने बताया कि बस पिथौरागढ़ से सुबह 5:15 बजे चली। दोपहर में बस के भीमताल पहुंचने से कुछ दूर पहले गलत दिशा से एक कार आ रही थी। कार को बचाने के चक्कर में बस अचानक पैराफिट से टकरा गई। इसके बाद उन्हें होश नहीं रहा। वह मंजर भयानक था, अचानक आंखें बंद हो गई।
दमुवाहूंगा निवासी भूमिका पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। रंजना को जैसे ही पता चला कि उसकी सहेली भूमिका बस दुर्घटना में घायल हो गई और उसे एंबुलेंस से लाया जा रहा है तो वह दोपहर ढाई बजे सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गई। जैसे ही एंबुलेंस आना शुरू हुई, रंजना की नजरें हर आपातकालीन वाहन में अपनी दोस्त को तलाशती रहीं। अपनी दोस्त की फिक्र में रंजना महिला तीमारदार से पूछती, आंटी 2132 नंबर की एंबुलेंस आई क्या।
आखिर में भूमिका के आने पर रंजना ने राहत की सांस ली। भूमिका का इलाज चल रहा है। वहीं, एक लड़की के पिता भी सूचना पर पहुंचे थे। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि हम भीमताल से यहां आ गए लेकिन अब तक एंबुलेंस नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि भीमताल रोड पर बहुत अधिक ट्रैफिक है। घायलों के देरी से पहुंचने पर कौन जिम्मेदार होगा। दर्द से कराहते घायल लक्की मेहर ने बताया कि वह इंटर का छात्र है और मुनस्यारी में रहता है। पिता के साथ किसी काम से हल्द्वानी आ रहा था। पता ही नहीं चला कब हादसा हो गया। मेरे साथ पापा भी थे, उन्हें भी बहुत चोट लगी है। घायल कोमल आर्या (23) निवासी दमुवादूंगा के सिर पर गंभीर चोट है। सूचना पर उनका परिवार एसटीएच पहुंचा। भाई अंकुर ने बताया कि कोमल बीएससी नर्सिंग में तृतीय सेमेस्टर की छात्रा है। छुट्टियां पड़ने पर वह दोस्तों संग आ रही थी।
भीमताल के आमडाली में हुए हादसे में 10 छात्राओं को किस्मत ने बचा लिया। पिथौरागढ़ के नर्सिंग कॉलेज की ये छात्राएं बुधवार को छुट्टी के चलते अपने घर जाने के लिए हल्द्वानी का टिकट लेकर बस में बैठी थीं। फिर अचानक नैनीताल घूमने का प्लान बनने पर वे घटनास्थल से करीब छह किलोमीटर पहले खुटानी में उतर गईं। हादसे का शिकार हुई हल्द्वानी डिपो की बस यूके 07 पीए 2822 बुधवार सुबह पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के लिए रवाना हुई थी। इसमें परिचालक गिरीश चंद्र दानी और चालक रमेश चंद्र पांडे थे। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती परिचालक गिरीश दानी ने बताया कि इन छात्राओं के हल्द्वानी के बजाय खुटानी में उतरने का कारण उन्होंने पूछा। इस पर उन्होंने नैनीताल घूमने का अचानक प्लान बनने की बात कही। कहा, वे अब कल (बृहस्पतिवार) हल्द्वानी जाएंगी। इस तरह हादसे से पहले ही बस से उतरना उनके लिए किस्मत का साथ बन गया। अगर वे बस में बैठी होती तो हादसे में चोट लगना तय था।
भीमताल हल्द्वानी मार्ग पर आमडाली के पास एक कार को बचाने के प्रयास में रोडवेज की बस पैरापिट तोड़ते हुए 150 फुट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में दंपती समेत चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक- परिचालक समेत 26 यात्री घायल हो गए। इनमें 21 की हालत गंभीर है, जिन्हें एसटीएच हल्द्वानी में भर्ती कराया गया है। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। हल्द्वानी डिपो की बस पिथौरागढ़ से बुधवार सुबह पांच बजे यात्रियों को लेकर हल्द्वानी के लिए रवाना हुई। दोपहर करीब एक बजे भीमताल पार करते ही आमडाली के पास मोड़ पर एक कार को बचाने के प्रयास में चालक नियंत्रण खो बैठा और बस पैरापिट को तोड़ते हुए 150 फुट गहरी खाई में गिर गई जिससे बस के परखचे उड़ गए और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आसपास के क्षेत्रों के लोग और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने घायलों को रस्सी के सहारे सड़क तक पहुंचाया, लेकिन तब तक दंपति समेत चार लोगों की मौत हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि देने के निर्देश दिए। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इस राशि में उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से पांच-पांच लाख, जबकि सड़क सुरक्षा निधि से दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से तीन-तीन लाख रुपये मिलेंगे। गंभीर घायलों को तीन-तीन लाख और सामान्य घायलों को 15 से 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। सीएम ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।