दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन की बैठक आयोजित की गई थी। इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक थी जो लगभग तीन घंटे तक चली। इंडिया गठबंधन की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में ईवीएम को लेकर चर्चा की गई। साथ-साथ जो सांसद निलंबित किए गए हैं, इसकी भी घोर निंदा की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बैठक में 28 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। सभी ने अपने-अपने विचार रखे हैं। हम सब मिलकर काम करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सांसदों के निलंबन पर चर्चा हुई है। साथ ही साथ आगे के प्लान पर खड़गे ने कहा कि देशभर में 8 से 10 जनसभाएं की जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को संसद में सुरक्षा चूक को लेकर बयान देना चाहिए। खड़गे ने सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि जो भी राज्यों में हमारे प्रतिनिधि हैं वह एक साथ मिलकर इस पर निर्णय लेंगे। अगर कहीं ज्यादा दिक्कत होती है तो केंद्रीय नेताओं द्वारा उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे अन्य राज्यों में जो समस्याएं हैं उसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। 30 जनवरी से हम संयुक्त रूप से प्रचार करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने प्रस्ताव पारित किया है कि निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को संघर्ष करना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं।’ हमने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया।’ हम लंबे समय से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब देश में 151 संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे, यह गलत है… हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं।’ हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
कांग्रेस सांसद और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बहुत सफल, सार्थक बैठक रही। सबने अपना दिमाग खोला और बोला, इधर-उधर थोड़ी आलोचना भी हुई क्योंकि हम 25-26 पार्टियाँ हैं। मुख्य फोकस सीट बंटवारे को अंतिम रूप देना था। बहुत सी बातों पर चर्चा हुई लेकिन सब कुछ आज ही तय नहीं हो सकता. सीट शेयरिंग पर तुरंत चर्चा शुरू होनी चाहिए, इसी पर चर्चा हुई।
लेफ्ट के टी राजा ने कहा कि इसमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम का जिक्र था। अब यह निर्णय लिया गया है कि सबसे पहले सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया जाए क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र पर हमला है, यह हमारी संसदीय प्रणाली पर हमला है। इसलिए देश भर में विरोध प्रदर्शन होना चाहिए और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है… (पीएम उम्मीदवार पर) कुछ भी नहीं… हमने 22 दिसंबर (दिसंबर) को सभी राज्य मुख्यालयों में देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है )… हमें जितनी जल्दी हो सके सीट-बंटवारे की व्यवस्था समाप्त करनी चाहिए, और हमें भाजपा के खिलाफ एक मजबूत सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी।