देहरादून। मानसून की दुश्वारियों में इस सप्ताह से कुछ कमी आने की संभावना है। आज यानी सोमवार और मंगलवार को प्रदेश में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इसके बाद 19 जुलाई से भारी वर्षा के चक्र में कुछ कमी आने का अनुमान है। वहीं देहरादून में दोपहर बाद हुई।
बदरीनाथ हाईवे विष्णुप्रयाग के पास अवरुद्ध था। जिसे बाद में सुचारु कर दिया गया। दोनों ओर यात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे थे। यहां करीब 1000 यात्री फंसे थे। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर 293 मीटर से करीब डेढ़ मीटर नीचे आने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। हालांकि तटवर्ती इलाकों में पुलिस प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी है। फिलहाल गंगा का जलस्तर 291.55 मीटर है।
इधर रविवार शाम भीमगोड़ा बैराज का एक फाटक क्षतिग्रस्त होने से गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया था। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी क्षतिग्रस्त फाटक की मरम्मत नहीं हुई है। रविवार को ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से 10 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई थी। जबकि सोमवार को गंगा का जलस्तर करीब एक मीटर नीचे आ गया है। चीला जल विद्युत गृह में अभी तक विद्युत उत्पादन आरंभ नहीं हो पाया है।
वर्षा से एक गौशाला के पीछे भारी भूस्खलन हो गया। जिससे छह बकरियां मलबे में जिंदा दफन हो गई हैं। 14 बकरियों को बचा लिया गया है। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। कपकोट तहसील के ढोक्टी, कर्मी गांव में रविवार की रात हुई भारी वर्षा से बलवंत सिंह पुत्र मोहन सिंह और धाम सिंह पुत्र केशर सिंह की गौशाला के पीछे भूस्खलन हो गया। गौशाला में बकरियां थीं। छह बकरियां मलबे में दब कर मर गईं हैं। जबकि 14 बकरियों को स्थानीय लोगों ने मलबे से निकाल लिया है। उन्हें हल्की चोट आई है।
कर्मी गांव में फिर से भूस्खलन होने से लोगों की नींद उड़ गई है। गांव के गोकुल देव ने बताया कि वर्षा के कारण जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। बीती रात हुआ भूस्खलन भारी था। जिसके कारण दो बकरी पालकों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन से प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है। इधर, उपजिलाधिकारी कपकोट मोनिका ने बताया कि राजस्व पुलिस की टीम घटना स्थल पहुंच गई है। प्रभावित ढोक्टी गांव के हैं। गौशाला कर्मी में थी। गौशाला के पीछे से भूस्खलन हुआ है। दैवीय आपदा के तहत आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
चीन सीमा को जोडऩे वाला टनकपुर -तवाघाट हाईवे दोबाट से आगे बंद है। जिसके चलते पिथौरागढ़ में चलते चीन सीमा से लगा क्षेत्र अलग-थलग पड़ा है। व्यास ,दारमा और चौदास को गए वाहन फंसे हैं। कालिका क्षेत्र में खुम्ती गांव में हुए भ्रू कटाव से आवासीय मकान खतरे में आ चुके हैं।
बारिश थमने से काली नदी का जलस्तर भी स्थिर है। टनकपुर -तवाघाट हाईवे में शनिवार की रात्रि को बलुवाकोट- धारचूला के मध्य नया बस्ती के निकट भारी मलबा आ गया और मार्ग बंद रहा। जिसके चलते रविवार सुबह धारचूला को आने जाने वाहन फंस गए। मार्ग सुबह साढ़े ग्यारह बजे के आसपास खुला तब जाकर वाहन निकले। हाईवे में गोठी के पास सड़क का एक हिस्सा टूट जाने से बड़े वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। इस स्थान पर छोटे वाहन चल रहे हैं, परंतु सड़क के धंसने का खतरा बना हुआ है।
धारचूला से तवाघाट के मध्य दोबाट के पास मार्ग बंद है। यहां पर मार्ग बंद होने से एलागाड़ से लेकर तवाघाट, तल्ला दारमा, दारमा, चौदास और व्यास घाटी का सम्पर्क भंग है। इस स्थान पर बीआरओ द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है परंतु दो दिन बीतने के बाद भी मार्ग नहीं खुला है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने व तीव्र बौछारें पड़ने की संभावना भी है। इसे देखते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 19 जुलाई से प्रदेश में वर्षा का दौर कुछ कम होगा। इस दौरान यलो अलर्ट जारी किया गया है।