23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक है लेकिन दो विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान में रविवार की रैली में कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। वहीं, बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर राजनीति तेज है और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है। कांग्रेस हिंसा को लेकर टीएमसी पर हमलावर है। वहीं ममता ने भी पलटवार किया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा नेता वसुंधरा राजे के आपसी संबंधों पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि गहलोत कहते थे कि वसुंधरा भ्रष्टाचार करती हैं। उन्होंने कहा, (कांग्रेस नेता) सचिन पायलट वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते-कहते थक गए हैं। लेकिन, गहलोत कहते हैं कि मैं कार्रवाई नहीं करूंगा, वह मेरी बहन हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनका एक ही काम है – भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार। अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि जब से गहलोत साहब आये हैं, 14 पेपर लीक हुए हैं, 10 साल में 26 पेपर लीक हुए। पेपर 10-15 लाख में बेचे जाते हैं। पैसा ऊपर तक जाता है।
तीन दिन पहले, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी वाम दलों के साथ गठबंधन करना जारी रखती है तो वह उसके साथ नहीं खड़ी होंगी। दक्षिण 24 परगना में ममता बनर्जी ने कहा कि आज जो लोग बोल रहे हैं कि बंगाल में शांति नहीं है, मैं उनसे पूछती हूं कि CPI(M) के राज में कौनसी शांति थी। कांग्रेस तो बहुत राज्यों में रही है, वे संसद में हमारा सहयोग चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम भाजपा के खिलाफ उनका साथ देने को तैयार हैं लेकिन CPI(M) से हाथ मिलाने के बाद आप बंगाल में हमसे सहयोग मांगने न आएं।
बड़ा सवाल यही है कि इनती कड़वाहट के बावजूद सभी दल भाजपा के खिलाफ एक साल कैसे हो पाएंगे। माना जा रहा है कि केजरीवाल और बनर्जी के 23 जून को पटना में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सीताराम येचुरी के साथ आमने-सामने होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ एक महत्वाकांक्षी ‘विपक्षी एकता सूत्र’ बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आप के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि एक दर्जन राज्यों में उनकी उपस्थिति है और इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों को टक्कर देने की योजना है। यह कांग्रेस के साथ आप के संघर्ष को और आगे ले जा सकता है। कांग्रेस आप पर पहले से ही वोटों को विभाजित करने का आरोप लगाती रही है।