देहरादून। उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी प्राथमिक स्कूल परिसर में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों को बालवाटिका के रूप में शुरू किए जाने के बाद अब इनमें पढ़ने वाले बच्चाें को मिड डे देने की तैयारी है। पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की 20वीं बैठक में बताया गया कि इसके लिए 286 करोड़ का प्लान तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया।
मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि योजना के तहत प्रदेश की 4500 बाल वाटिकाओं के 86 हजार बच्चों को मिड डे मील मिलेगा। मंजूरी मिलने के बाद यह योजना अप्रैल से शुरू कर दी जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव ने 162 स्कूलों के सोशल ऑडिट की जानकारी लेते हुए इसकी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।
कहा, स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिल सके, इसके लिए योजना के सोशल ऑडिट के दौरान स्थानीय लोगों और अभिभावकों से भी फीडबैक लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव ने स्कूलों के किचन और खाने के बर्तन-थालियों आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए दो करोड़ का कॉर्पस फंड बनाने के निर्देश दिए। कहा, स्कूलों में किचन एवं स्टोर आदि की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। जो भवन अधिक क्षतिग्रस्त हैं, उनकी प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत की जाए। बैठक में विधायक सहदेव पुंडीर, सचिव रविनाथ रमन, आर राजेश कुमार, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर सचिव रणवीर सिंह, डॉ.मुकुल सती, पीके बिष्ट आदि मौजूद रहे।
बैठक में पीएम पोषण योजना के तहत श्रीनगर में केंद्रीयकृत किचन के निर्माण को मंजूरी दी गई। बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत 2003-04 में मिले 60 लाख किचन की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे।
सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को पीएम पोषण में मिलेट्स को शामिल कर झंगोरे की खीर दी जाएगी। शुरूआत में खीर केंद्रीयकृत किचन के दायरे में आने वाले स्कूलों के बच्चों को मिलेगी।