देहरादून/ पिथौरागढ़। चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क 12 दिन बाद यातायात के लिए खोल दी गई है। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों और सुरक्षा बलों के जवानों को बड़ी राहत मिली है। सड़क पर यातायात सुचारु होने पर बृहस्पतिवार को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कार्य नहीं किया गया।
मलबा आने से 105 मार्ग बंद
प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से जगह-जगह 105 मार्ग बंद हो गए, जिसमें पांच राज्य मार्ग और तीन मुख्य जिला मार्ग शामिल हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के 48 ग्रामीण मार्ग और पीएमजीएसवाई के तहत 49 मार्ग बंद हैं। पेयजल योजनाओं को भी भारी नुकसान हुआ है। कुल क्षतिग्रस्त 1776 पेयजल योजनाओं में से 1767 पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है। जबकि 9 पेयजल योजनाएं बंद हैं।
मलघाट के पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण इस सड़क पर यातायात ठप हो गया था। इसके चलते सीमांत की व्यास घाटी के लोगों के साथ ही पर्यटकों और अग्रिम चौकियों में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को पैदल ही जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही थी। पहाड़ी से बोल्डर लगातार गिरने के कारण बीआरओ के लिए भी सड़क खोलना चुनौती बना हुआ था।
आखिरकार सड़क वाहनों के लिए खोल दी गई है जिससे पांगला, जयकोट, जिप्ति, तांकुल, ब्यास वैली के बूंदी, गर्ब्यांग, नप्लच्यू, रोगकोंग, गुंजी, नाबी, कुटी सहित 12 से अधिक गांवों के लोगों को राहत मिली है।
वहीं सड़क खुलने के बाद आदि कैलाश यात्रा भी सुचारु हो गई है। धारचूला के केएमवीएन प्रबंधक धन सिंह बिष्ट ने बताया कि मलघाट में सड़क खुलने के बाद बृहस्पतिवार को 29 सदस्य आदि कैलाश यात्रा के लिए सड़क से गुंजी भेजे गए।