देहरादून। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पहली बार निवेशक सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 43 बड़े निवेशकों और 24 एमएसएमई उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा।
उत्तराखंड में निवेशक सम्मेलन के प्रस्तावों पर अब तक 35 हजार करोड़ से अधिक निवेश की छह सौ परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया। जिनसे 89 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। कोविड महामारी के बाद राज्य में कई बड़े निवेशकों ने निवेश कर उत्पादन शुरू किया गया। मंगलवार को निवेशक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 67 उद्यमियों को सम्मानित करेंगे।
सोमवार को उद्योग निदेशालय में प्रेसवार्ता में उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने निवेशक सम्मान समारोह की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पहली बार निवेशक सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 43 बड़े निवेशकों और 24 एमएसएमई उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा।
निदेशक ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट के बाद से राज्य में औद्योगिक निवेश का माहौल बना है। उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। औद्योगिक विकास राज्य के विकास में योगदान देने वाला प्रमुख घटक है।
राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है। नए उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार ने नई नीतिया बनाने के साथ ही बुनियादी ढांचे को विकसित किया है। जिससे देश दुनिया के निवेशक उत्तराखंड में निवेश के लिए आने आ रहे हैं। इस मौके पर संयुक्त निदेशक शिखर सक्सेना, मृत्युंजय, उप निदेशक अनुपम द्विवेदी, राजेंद्र सिंह, शैली डबराल, विपिन कुमार आदि मौजूद थे।
गेल इंडिया ने 1500 करोड़, ला अपाला कंपनी 200 करोड़, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 500 करोड़, रिद्धि-सिद्धि लिमिटेड ने 200 करोड़, गुजरात अंबुजा ने 200 करोड़, एलएमटी ने 870 करोड़, काशी विश्वनाथ टेक्सटाइल, सर बायोटेक (ह्यात), ग्राफिक एरा, महानंदा स्पा रिजॉर्ट, गोल्ड प्लस, नैनी पेपर लिमिटेड समेत कई बड़े निवेशकों ने कोविड काल के बाद राज्य में निवेश कर उद्योगों में उत्पादन शुरू किया गया है।