
प्रयागराज। मेजा के रहने वाले दसवीं के छात्र को पिता को सरप्राइज देना महंगा पड़ गया। छात्र 14 लीटर दूध देने वाली राजस्थानी भैंस खरीदकर पिता को देने वाला था। लेकिन, पिता को खुश करने के चक्कर में जालसाजों का शिकार बन गया और 53 हजार रुपये गंवा दिए। मेजा थाना क्षेत्र में चंद्रपति परिवार के साथ रहते हैं। वह पेशे से किसान हैं। उनका छोटा बेटा दसवीं का छात्र है। चंद्रपति ने अपनी एक भैंस बेच दी थी। पिछले कई दिनों से वह ज्यादा दूध देने वाली भैंस की तलाश कर रहे थे।
मंगलवार को उनका बेटा इस बारे में ऑनलाइन सर्च करना लगा। इसी दौरान फेसबुक पर उसने भैंस का कारोबार करने वाला एक पेज देखा। संपर्क करने पर बताया गया कि राजस्थानी (मुर्रा नस्ल) भैंस बिकाऊ है। 14 लीटर दूध देने वाली भैंस की कीमत 60 हजार और 18 लीटर दूध देने वाली भैंस की कीमत 70 हजार रुपये बताई गई। इसके बाद मोबाइल फोन पर भैंस की फोटो और वीडियो भेजी गई।
पीड़ित ने साइबर पुलिस को बताया कि भैंस बेचकर मिले रुपये घर में रखे थे। इसकी जानकारी बेटे को थी। जालसाजों ने बुकिंग के दौरान 10 हजार रुपये मांगे। ऑनलाइन ट्रांसफर न होने के चलते रुपये लेकर बेटा नजदीकी जन सुविधा केंद्र गया और बताए गए खाते में ऑनलाइन जमा करा दिए। इसके बाद जवाब आया कि भैंस को बुक कराकर भेज दिया गया है। थोड़ी देर बाद फिर फोन आया और गाड़ी फंसने का झांसा देकर 21,500 और फिर अलग-अलग बहाने बताकर कुल 53 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
पीड़ित ने बताया कि बेटा शातिर के जाल में पूरी तरह से फंस गया था। घर आने पर पता चला तो फौरन इसकी सूचना मेजा थाने में और फिर साइबर सेल पुलिस को दी। पीड़ित ने बताया कि उनकी गाढ़ी कमाई थी जो जालसाजों ने आसानी से ले ली। वहीं, साइबर सेल पुलिस की जांच में पता चला कि जालसाजों ने राजस्थान के भरतपुर में नेटवर्क फैला रखा है। साइबर पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले कई बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है। क्योंकि, जालसाज भैंस, गाय और अन्य सामानों को सस्ते दाम में बेचने के लिए लोगों को लालच देते हैं। इसलिए सस्ते के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए।
इन बातों का रखें ख्याल
- सिर्फ नामी कंपनी से ही ऑनलाइन शॉपिंग करें।
- किसी के बहकावे में आकर पैसा ट्रांसफर न करें।
- कोशिश करें कि ऑर्डर कैश ऑन डिलीवरी हो।
- ऑर्डर पहुंचने पर आया ओटीपी पूरा पढ़ें।
- ठगी का शिकार होने पर सूचना साइबर पुलिस को दें।