
मुंबई के नालासोपारा इलाके से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने मानवता, रिश्तों और विश्वास—तीनों को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला न सिर्फ ड्रम कांड की भयावहता को पीछे छोड़ता दिख रहा है, बल्कि अब ‘टाइल्स कांड’ के रूप में देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। यह कहानी है विजय चौहान, उसकी पत्नी चमन चौहान और उसके प्रेमी मोनू प्रजापति की, जिसमें प्यार, धोखा, हत्या और हृदयविदारक क्रूरता की एक घातक साजिश छिपी है।
विवाह, विश्वास और विद्रोह की त्रासदी
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अभयचंद पट्टी गांव निवासी विजय चौहान की शादी सात साल पहले जफराबाद की चमन चौहान से हुई थी। विवाह के बाद दोनों मुंबई के नालासोपारा में एक किराए के फ्लैट में रहने लगे। उनका एक पांच साल का बेटा भी था। विजय मेहनतकश था और अक्सर ओवर टाइम करता था, ताकि परिवार को बेहतर जीवन दे सके। लेकिन उसकी मेहनत के पीछे घर में जो साजिश पनप रही थी, उससे वह अनजान था।
प्यार नहीं, छल का जाल था
विजय के काम पर रहने के दौरान उसकी पत्नी चमन की नज़दीकियां सामने रहने वाले बिहार निवासी मोनू प्रजापति से बढ़ने लगीं। जल्द ही दोनों के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गए। जब विजय को इसकी भनक लगी, तो घर में रोज़ लड़ाई झगड़े शुरू हो गए। आखिरकार, चमन और मोनू ने विजय को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।
रूह कंपा देने वाली साजिश
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, योजना के अनुसार एक दिन दोनों ने मिलकर विजय की हत्या कर दी। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
- शव को पहचान से बचाने के लिए तीन टुकड़ों में काटा गया।
- कमरे में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया गया।
- ऊपर से नई टाइल्स लगवा दी गईं, ताकि कोई शक न करे।
- यही नहीं, दोनों आरोपी उसी टाइल्स पर बेड लगाकर आराम से सोते रहे।
इस निर्ममता और शातिरता ने पुलिस को भी स्तब्ध कर दिया।
ऐसे खुला हत्या का राज
विजय का भाई अखिलेश चौहान, जो मुंबई में ही रहता है, कई दिनों से भाई से संपर्क न होने पर परेशान हो गया। जब वह विजय के घर पहुंचा, तो वहां ताला लगा था। पता चला कि चमन अपने बेटे और प्रेमी मोनू के साथ फरार है। अखिलेश को कमरे की नई टाइल्स पर शक हुआ। जब उसने सोमवार को खुद टाइल्स तोड़नी शुरू कीं, तो नीचे तीन टुकड़ों में बंटा भाई का शव मिला। यह दृश्य इतना भयावह था कि वह वहीं सन्न रह गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
- नालासोपारा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
- प्रारंभिक जांच में शव लगभग 15 दिन पुराना बताया जा रहा है।
- IPC की धारा 302 (हत्या) और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
- आरोपी चमन और मोनू की तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित कर दी हैं।
मुंबई पुलिस ने इसे “सोची-समझी और पूर्व नियोजित हत्या” बताया है।
गांव में मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
जैसे ही मंगलवार को जौनपुर स्थित विजय के पैतृक गांव में यह खबर पहुंची, परिवार में कोहराम मच गया। गांव के लोग इस क्रूरता पर सन्न और आक्रोशित हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह “इंसान नहीं, हैवानियत” है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानून के जानकार इस हत्याकांड को “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” की श्रेणी में रख रहे हैं। यदि आरोपी पकड़े जाते हैं तो उन पर फांसी तक की सजा की संभावना जताई जा रही है।
पुनः भरोसे को चोट देता अपराध
इस कांड ने फिर से यह सवाल खड़ा किया है —
क्या रिश्तों के पीछे छिपे ज़हर को समय रहते पहचाना जा सकता है?
क्या कानून, समाज और चेतना मिलकर ऐसे अपराधों को रोक पाएंगे?