
देहरादून| त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मंगलवार को राज्यभर से कुल 497 पोलिंग पार्टियां रवाना की गईं। इसके साथ ही प्रचार थम गया है और मतदान की घड़ी नजदीक आ चुकी है। विशेष बात यह है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने दूरस्थ, संचारविहीन क्षेत्रों में मतदान से जुड़ी हर सूचना को पुलिस के वायरलेस नेटवर्क और सेटेलाइट फोन के ज़रिए नियंत्रित करने का निर्णय लिया है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सभी ज़िलों के नोडल अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है, उन क्षेत्रों में मतदाता और मतदान कर्मियों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक संचार माध्यम, जैसे पुलिस वायरलेस और सेटेलाइट फोन, सक्रिय रहेंगे।
संचार ही नहीं, सड़क और स्वास्थ्य सेवाएं भी मुस्तैद
बैठक में लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन, पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए। निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कहीं भी सड़क बाधित होती है तो संबंधित विभाग तुरंत यातायात सुचारू करेंगे। किसी प्रकार की आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय रहेंगी। सभी कंट्रोल रूम को 24×7 चालू रखने और हर सूचना पर तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
पोलिंग पार्टियों के सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचने पर ज़ोर
सभी जिलों के डीएम (जिलाधिकारी), चुनाव प्रेक्षक, और नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पोलिंग पार्टियां अपने गंतव्य पर समय से पहुंचें। इससे पहले भी कई बार पर्वतीय क्षेत्रों में पोलिंग पार्टियों को रास्ते में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिसे देखते हुए इस बार आयोग पहले से ही सजग है।
मौसम, सड़क और सुरक्षा पर कड़ी निगरानी
इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मौसम की गतिविधियों, सड़कों की स्थिति और संभावित आपदा के दृष्टिगत हर जिले को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। सचिव राहुल गोयल ने बताया कि “इस बार हर संभव प्रयास है कि मतदान कर्मियों का आवागमन सुरक्षित हो और कोई भी बाधा चुनाव प्रक्रिया में न आए।” राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में चुनाव कराना हमेशा से एक चुनौती रहा है। लेकिन इस बार की व्यवस्थाएं स्पष्ट संकेत देती हैं कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक समन्वय के ज़रिए अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।