
ऊधम सिंह नगर| पांच साल पहले एक नाबालिग से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में ऊधम सिंह नगर की अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश / एफटीएससी संगीता आर्य की अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने पीड़िता और उसके पिता को उचित मुआवजा दिलाने के भी निर्देश दिए हैं।
घटना का विवरण:
20 अगस्त 2020 को आईटीआई थाना क्षेत्र की एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि 19 अगस्त की रात वह और परिवार के अन्य सदस्य खेत में काम कर रहे थे। घर में सिर्फ उसका पति और नाबालिग बेटी मौजूद थे। इसी दौरान आरोपी मोहित उर्फ गोलू, मयंक शर्मा उर्फ पंडित और दो अन्य युवक—धीर सिंह और अजय कुमार—छत से घर में घुसे। उन्होंने पति और बेटी को नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश किया और लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया।
गिरफ्तारियां और मुकदमा:
पुलिस ने अगले ही दिन चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, बाद में धीर सिंह और अजय कुमार को जमानत मिल गई थी। जबकि वेद प्रकाश और मयंक शर्मा तब से जेल में हैं। केस की सुनवाई एफटीएससी (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) में हुई, जहां गवाहों और मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर चारों को दोषी पाया गया।
अदालत का फैसला:
कोर्ट ने सभी चारों दोषियों को उम्रकैद और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा दी है। जुर्माने की राशि में से 50,000 रुपये पीड़िता और 30,000 रुपये उसके पिता को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश दिया गया है। साथ ही एक लाख रुपये अलग से पीड़िता को प्रतिकर स्वरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से दिलाने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए।
पीड़िता को न्याय:
कोर्ट ने टिप्पणी की कि पीड़िता की मानसिक, शारीरिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए उसे न्याय मिलना आवश्यक था। कोर्ट ने इस मामले को समाज में संदेश देने वाला बताते हुए कहा कि ऐसे अपराधों पर सख्त सजा जरूरी है ताकि भविष्य में कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।