
देहरादून| उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में सोमवार तड़के से जारी तेज़ बारिश ने एक बार फिर पहाड़ी और मैदानी इलाक़ों में मुसीबत खड़ी कर दी है। मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के चुनिंदा क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए आने वाले 24 घंटों में कहीं‑कहीं 70 मिमी से अधिक वर्षा और 40–50 किमी/घंटा की रफ़्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है। शेष जिलों में अनेक दौर की भारी बौछारों को देखते हुए येलो अलर्ट प्रभावी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 26 जुलाई तक राज्य‑भर में रुक‑रुक कर वर्षा होती रहेगी।
पौड़ी में अवकाश, अन्य जिलों में प्रशासन हाई अलर्ट पर
भारी वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए पौड़ी गढ़वाल की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने जनपद के सभी सरकारी‑निजी स्कूलों (कक्षा 1–12) और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिवसीय अवकाश घोषित कर दिया है। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है कि स्कूल भवनों की सुरक्षा‑जांच कराकर ही अगले आदेश तक कक्षाएँ संचालित हों। स्वास्थ्य, लोक निर्माण, ऊर्जा और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को 24×7 कंट्रोल‑रूम मोड में रहने को कहा गया है।
सड़कों पर मलबा, यातायात बाधित
लगातार पानी गिरने से पर्वतीय मार्गों पर भूस्खलन सक्रिय हो गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ताज़ा जानकारी के अनुसार—
ज़िला | बंद सड़कें | स्थिति |
---|---|---|
चमोली | 6 | मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगाई गई |
टिहरी | 1 | रात्रि‑मेंटेनेंस दल तैनात |
उत्तरकाशी | 4 | गंगोत्री हाईवे पर ट्रैफ़िक धीमा |
पिथौरागढ़ | 6 | धारचूला मार्ग पर छोटे वाहन डायवर्ट |
बागेश्वर | 2 | कर्फ्यू वर्ग के पुल पर मलवा जमा |
देहरादून (ग्रामीण) | 4 | सहस्रधारा रूट आंशिक बंद |
रुद्रप्रयाग | 4 | 1 मार्ग पुनः खुला, 3 पर काम जारी |
कुल 47 सड़कों में से 20 को अस्थायी रूप से खोल दिया गया है, जबकि 27 आंतरिक सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं जिनमें 24 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) का दावा है कि अधिकांश रास्ते 48 घंटों के भीतर चालू कर लिए जाएँगे; कठिन पहाड़ी मोड़ों पर सीमा सड़क संगठन (BRO) की मशीनें भी लगाई जा रही हैं।
सावधानी बरतने की अपील
राज्य‑भर में नदियाँ और बरसाती नाले उफान पर हैं। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से—
- तीव्र धारा वाले जल स्रोतों के निकट न जाने,
- अनावश्यक यात्राएँ टालने,
- पहाड़ी ढलानों पर पार्किंग से बचने,
- और किसी भी आपात स्थिति में 1070 (राज्य आपदा हेल्पलाइन) अथवा 112 पर संपर्क करने—की अपील की है।
आगे क्या?
आईएमडी के अनुसार बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और पश्चिमी विक्षोभ की संयुक्त सक्रियता अगले तीन दिनों तक मौसम को अस्थिर रखेगी। अत्यधिक वर्षा से—
- भूस्खलन,
- नीचे‑दर्जे के पुलों पर जलभराव,
- और विद्युत आपूर्ति बाधित होने की आशंका बनी हुई है।
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटाई‑योग्य सब्ज़ियों की तुड़ाई यथाशीघ्र पूर्ण करें और मैदानी क्षेत्रों में जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें।
निगरानी व पुनर्बहाली कार्य
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी डीएम को निर्देश भेजकर कहा है कि:
- ब्लॉक एवं तहसील‑स्तरीय रैपिड‑रिस्पॉन्स टीमों को सक्रिय रखा जाए।
- आवागमन बाधित मार्गों की हर चार घंटे में स्थिति रिपोर्ट भेजी जाए।
- स्कूल‑कॉलेजों एवं स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास जलभराव होने पर तुरन्त पम्प‑सेट तैनात किए जाएँ।
- अनाथ/विकलांग एवं वृद्धजनों के लिए पारिवारिक सहायता किट (सूखा राशन, दवाइयाँ) उपलब्ध कराई जाए।