
शाहजहांपुर | उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के तिलहर क्षेत्र में स्थित एक गुरुकुल महाविद्यालय में कक्षा छह के छात्र अनुराग यादव (13 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत अब हत्या के मामले का रूप ले चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनुराग के सिर पर भारी वस्तु से किए गए प्रहार की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में गर्दन के पास चोटों के निशान भी पाए गए हैं, जिससे साफ है कि यह कोई दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हमला था।
🛑 पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले राज
- अनुराग के कान और नाक से खून बह रहा था, जो सिर पर गंभीर चोट का संकेत है।
- रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि भारी वस्तु से सिर पर कई बार वार किया गया।
- गर्दन के पास भी चोटों के निशान मिले, जिससे साफ है कि यह जानबूझकर की गई वारदात है।
👮♂️ पुलिस जांच और कार्रवाई
- तीन आचार्य – प्रणव आर्य, उत्तम कुमार और सचिन – हिरासत में लिए गए हैं।
- पुलिस ने घटनास्थल से डंडे, टूटा हुआ डंडा और खून से सना कपड़ा बरामद किया है।
- 26 छात्रों से थाने में बंद कमरे में पूछताछ की गई, वहीं अनुराग के पास सोने वाले छात्रों से भी अलग से बातचीत की गई है।
- छह पुलिस टीमें घटना की जांच में जुटी हैं, जिनमें सर्विलांस और एसओजी टीमें भी शामिल हैं।
📞 पिछले तीन दिन से घरवालों से बात नहीं करा रहे थे
अनुराग के पिता ब्रजेश यादव के अनुसार, 6 से 8 जुलाई तक उन्होंने गुरुकुल से बेटे की बात कराने की कोशिश की, लेकिन फोन काट दिया गया। आमतौर पर कॉल करवाने वाले आचार्य प्रणव ने इस बार संपर्क नहीं कराया।
🧩 क्या बोले परिजन?
- पिता का दावा है कि यह साफ तौर पर शिक्षक या छात्र द्वारा की गई हत्या है।
- परिवार का आरोप है कि गुरुकुल स्टाफ घटना को छुपाने की कोशिश कर रहा है और संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा।
- शव मेडिकल कॉलेज से परिजनों को सूचना के बाद सौंपा गया था।
🔍 गहराता संदेह, गहराती जांच
- अनुराग का बक्सा, खून से सना कपड़ा और डंडा पुलिस के कब्जे में है।
- विद्यालय का माहौल दहशत भरा बताया जा रहा है।
- परिजनों ने साफ किया है कि अब वे अपने भतीजों को भी वहां नहीं पढ़ाएंगे।
- पुलिस अधीक्षक (देहात) आंवरे दीक्षा अरुण ने कहा है कि घटना प्रथमदृष्टया हत्या लग रही है, जल्द खुलासा किया जाएगा।
गुरुकुल जैसे धार्मिक-शैक्षिक संस्थान में एक छात्र की इस तरह दर्दनाक मौत होना शिक्षण संस्थानों की निगरानी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। परिजनों की पीड़ा, स्टाफ की चुप्पी और पोस्टमार्टम की कठोर सच्चाई – इन सबके बीच एक मासूम की हत्या की परतें अब खुलने लगी हैं। प्रश्न यही है: जब ‘गुरुकुल’ में ही छात्र सुरक्षित न हों, तो भरोसा कहां करें मां-बाप?