
वाराणसी। प्रेमिका से शादी करने की चाहत में बेरोजगार बीटेक छात्र ने फर्जी टीटीई बनकर रेलवे में ठगी का रास्ता चुन लिया। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अतरैला निवासी आदर्श जायसवाल के रूप में हुई है।
ऐसे पकड़ा गया फर्जी टीटीई
जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने स्टेशन पर यात्री हाल के पास संदिग्ध रूप से घूम रहे युवक को पकड़ा। जांच में उसके पास पूर्व मध्य रेलवे का फर्जी आईडी कार्ड और टीटीई की एप्रन बरामद हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी बेरोजगार है और प्रेमिका से शादी करने के लिए यह रास्ता अपनाया।
फर्जी टिकट से ठगी
आदर्श मोबाइल ऐप के जरिए यात्रियों को फर्जी टिकट उपलब्ध कराता था। उसने 17 जून को दो महिला यात्रियों—ज्योति किरण और गुनगुन—को वाराणसी से लक्सर के लिए जनता एक्सप्रेस में बी-3 कोच का टिकट उपलब्ध कराया। लेकिन ट्रेन में बी-3 की जगह M-2 कोच लगा था, जिससे यात्रियों को शक हुआ और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। एक अन्य मामले में आदर्श ने दिनेश यादव नाम के यात्री के लिए कैंट स्टेशन के मुख्य आरक्षण केंद्र से मुंबई का ई-टिकट बुक किया, जिसमें सीट स्टेटस में गड़बड़ी पाई गई। जब यात्री ने इस पर आपत्ति जताई, तो दोनों के बीच पैसे को लेकर बहस हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की गई और आरोपी की पोल खुल गई।
साइबर कैफे से बनवाया फर्जी आईडी
आदर्श ने बताया कि उसने 2 मार्च को अपने गांव में एक साइबर कैफे से फर्जी रेलवे आईडी बनवाई थी। पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि वह लड़की से प्रेम करता है, लेकिन परिजन शादी के खिलाफ हैं। परिजनों को प्रभावित करने और लड़की से शादी करने के लिए उसने खुद को रेलवे में कार्यरत टीटीई बताना शुरू कर दिया।
केस दर्ज
जीआरपी इंस्पेक्टर रजोल नागर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने अब तक कितने यात्रियों को ठगा है और उसके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। यह घटना दिखाती है कि बेरोजगारी और सामाजिक दबाव किस हद तक युवाओं को गलत राह पर ले जा सकते हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने यात्रियों से सतर्क रहने और फर्जीवाड़े की सूचना तुरंत देने की अपील की है।