
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे युद्ध का प्रभाव अब मध्य पूर्व के हवाई मार्गों पर भी दिखने लगा है। युद्ध के चलते संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इस कारण कानपुर से गए करीब 50 पर्यटक परिवार आबूधाबी और दुबई में फंसे हुए हैं। इन परिवारों की 24 और 25 जून की लखनऊ लौटने वाली फ्लाइटें रद्द हो चुकी हैं, जिससे वे भारी मानसिक और आर्थिक तनाव झेल रहे हैं।
परिवारों को 26 जून की फ्लाइट का इंतजार
ट्रैवल एजेंसी संचालक लकी अरोड़ा ने जानकारी दी कि हर वर्ष गर्मियों की छुट्टियों में कानपुर से करीब 150 परिवार दुबई और आबूधाबी घूमने जाते हैं। इस बार इनमें से करीब 50 परिवार वहां फंस गए हैं। अब इन सभी ने 26 जून की फ्लाइट बुक कर रखी है और उम्मीद की जा रही है कि यह उड़ान रद्द न हो। टिकट कैंसिल होने के बाद पर्यटकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक दिन का होटल किराया औसतन 18 हजार रुपये है, ऊपर से खाने-पीने और ट्रांसपोर्ट का खर्च अलग। लोगों का बजट बिगड़ गया है और वे जल्द घर लौटना चाहते हैं।
लोगों की आपबीती: “हालात तो ठीक, लेकिन उड़ानें बंद हैं”
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तैय्यबा जाफरी, जो मोहर्रम के मौके पर दुबई से कानपुर लौटना चाहती थीं, बताती हैं, “मैं दुबई में हूं। यहां स्थिति सामान्य है, पर फ्लाइट रद्द होने से अनिश्चितता है। उम्मीद है जल्द सब ठीक हो।”
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अशोक नरूला (पांडु नगर निवासी) ने बताया, “मेरी फ्लाइट 24 जून को थी, जो रद्द हो गई। अब 26 जून की फ्लाइट बुक की है। दुबई में सब ठीक है, पर लोग घबराए हुए हैं।”
ईरान के कुम शहर में भी कानपुर के लोग फंसे
कानपुर के ग्वालटोली निवासी मौलाना जीशान, जो इस्लामिक अध्ययन के लिए ईरान के कुम शहर में हैं, ने बताया कि वहां फिलहाल शांति है, लेकिन रात के समय मिसाइलों की आवाजें डर पैदा कर देती हैं। उन्होंने कहा, “तेहरान में हमले हो रहे हैं और वहां से कुम करीब 156 किलोमीटर दूर है। रात में चमकती रोशनी और गूंजती आवाजें दिल को दहला देती हैं। बिना जरूरत के लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं।”
दुआओं में उठे हाथ: शिया उलेमा बोर्ड की चिंता
शिया उलेमा बोर्ड के नगर अध्यक्ष नसीम अब्बास हसनी ने बताया कि इस बार मोहर्रम की यात्रा उन्होंने रद्द कर दी है क्योंकि हालात अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हर रात जब ईरान से मेरे मित्र बताते हैं कि आसमान से गूंजती आवाजें आ रही हैं, तो बस हाथ दुआ में उठ जाते हैं कि अल्लाह खैर करे।”
क्या है स्थिति और आगे क्या?
मध्य पूर्व में ईरान-इज़राइल तनाव के चलते एयरस्पेस बंद होना हजारों यात्रियों को प्रभावित कर रहा है। कानपुर के इन परिवारों की नजरें 26 जून पर टिकी हैं, जब उन्हें वापस लौटने की उम्मीद है। अगर उड़ानें फिर रद्द होती हैं, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। सरकार से अपेक्षा है कि वह विदेश में फंसे भारतीयों की स्थिति पर नजर रखे और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित लाने के लिए पहल करे।
फिलहाल दुआ यही है: सब सही सलामत लौट आएं।