
शौर्य, अनुशासन और समर्पण का अद्भुत संगम रहा देहरादून का यह ऐतिहासिक पल
देहरादून — भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में शनिवार सुबह भव्य पासिंग आउट परेड (POP) के साथ 419 जेंटलमैन कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ-साथ नौ मित्र देशों के 32 विदेशी कैडेट्स ने भी प्रशिक्षण पूरा कर सैन्य सेवा की ओर कदम बढ़ाया। ये गौरवपूर्ण क्षण देश के लिए समर्पण की शपथ के साथ नए सैन्य नेतृत्व के आगमन का प्रतीक रहे।
परेड की भव्यता और अनुशासन
सुबह 6:38 बजे मार्कर्स कॉल के साथ परेड की शुरुआत हुई। 6:42 बजे एडवांस कॉल के साथ कैडेट्स ने अनुशासन की मिसाल पेश करते हुए कदमताल की और परेड ग्राउंड में पहुंचे। श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासंथा रोड्रिगो ने परेड का निरीक्षण किया और बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर सलामी ली। उन्होंने पूरे आयोजन की सराहना की और उत्कृष्ट कैडेट्स को सम्मानित भी किया।
यह रहे सर्वोत्तम कैडेट्स
परेड के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर व सिल्वर मेडल: अनिल नेहरा
- गोल्ड मेडल: रोनित रंजन
- ब्रॉन्ज मेडल: अनुराग वर्मा
- टीईएस सिल्वर: कपिल
- टीजी सिल्वर: आकाश भदौरिया
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: केरन कंपनी
अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग की झलक
परेड में भारत के नौ मित्र देशों के 32 विदेशी कैडेट्स का पास आउट होना सैन्य कूटनीति और द्विपक्षीय सहयोग की एक अहम उपलब्धि रही। यह न केवल भारत की सैन्य प्रशिक्षण गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।
समर्पण की शपथ और भविष्य की जिम्मेदारी
इन युवा अधिकारियों ने भारतीय सेना की सेवा में तन, मन और जीवन समर्पित करने की शपथ ली। अब ये कैडेट्स विभिन्न रेजीमेंट्स, इकाइयों और सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे और मातृभूमि की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष:
भारतीय सैन्य अकादमी की यह पासिंग आउट परेड केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि साहस, समर्पण, राष्ट्रसेवा और अनुशासन की परंपरा का जीवंत प्रतीक रही। देश को नए योद्धा मिले हैं, जो आने वाले समय में राष्ट्रीय सुरक्षा, नेतृत्व और प्रेरणा का स्तंभ बनेंगे।





