
देहरादून। हेली टिकट बुकिंग में ठगी के लिए साइबर ठगों ने इस तरह का जाल बुना है कि उन्हें विंडो बंद होने का भी तत्काल पता चल गया। बंगलूरू के रहने वाले अजय कुमार को उस वक्त फोन आया जब वह ओटीपी का इंतजार कर रहे थे। मगर, अमर उजाला की ओर से मंगलवार को अजय कुमार को कॉल करने वाले नंबर से ही बात की गई थी। आमतौर पर साइबर ठग मई और जून में अधिक सक्रिय रहते हैं। उस वक्त तक यात्रा चालू हो जाती है। लोग इधर-उधर से टिकट बुकिंग का प्रयास करते हैं।
सोशल मीडिया और इंटरनेट पर तमाम विज्ञापनों को देखकर वहां मिले नंबरों पर बात करते हैं। मगर, मंगलवार को सामने आया यह मामला नया है। बंगलूरू के अजय कुमार ने बताया कि वह मंगलवार को दोपहर 12 बजे से ही टिकट बुकिंग का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने अपनी पूरी डिटेल फॉर्म में भर दी थी और ओटीपी का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच पता चला कि विंडो बंद हो चुकी है और उनका टिकट बुक नहीं हो पाया है। ऐसे में चंद सेकेंड बाद ही उनके पास किसी का फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि मई में जिस तिथि का टिकट चाहिए, उसका ही उपलब्ध करा देंगे।
अजय कुमार को अपने साथ दो और लोगों को ले जाना था। ऐसे में उन्हें तीन टिकट चाहिए थे। उनसे इसके लिए 25 हजार रुपये की मांग की गई। इसके बाद इसी नंबर पर अमर उजाला की ओर से बात की गई थी। अब सवाल यह है कि क्या ठग उन लोगों पर भी नजर रख रहे हैं जो सीधे और सही वेबसाइट से टिकट बुक करना चाह रहे हैं? इसके लिए उन्होंने किस आधुनिक तकनीक का सहारा लिया, इस बात का पता भी जांच के बाद ही चल सकेगा।
हालांकि, साइबर थाना पुलिस कई दिनों से ऐसी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर मौजूद विज्ञापनों की निगरानी कर रही है। मगर, अब तक ऐसी कोई शिकायत वहां नहीं पहुंची है। सीओ साइबर अंकुश मिश्रा ने बताया कि कई तरह के नंबरों की शिकायत आती है, इनकी जांच के बाद ही इन्हें बंद कराया जाता है। यदि ऐसी कोई शिकायत आएगी तो उसकी भी जांच की जाएगी।