तमाम अटकलों के बीच एनडीए की बैठक ने बहुत कुछ साफ कर दिया। नरेंद्र मोदी एनडीए दल के नेता चुन लिए गए और अपनी स्पीच से साफ भी कर दिया कि न वो किसी अंडर प्रेशऱ में हैं और न ही किसी दबाव में हैं। मोदी ने साफ कहा की तीसरा टर्म बड़े फैसले वाला होगा। जो लोग एनडीए की जीत को पचा नहीं पा रहे हैं, दरअसल वो अपनी हार और हताशा को छिपाने की कोशिश कर रहे है। जबकि सच्चाई ये है कि न वो हारे थे, हारे हैं और हारेंगे। 9 जून को शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम पद की तीसरी बार शपथ लेंगे। उससे पहले आज एनडीए की एकजुटता और मजबूती को हर किसी ने देखा। जो लोग एनडीए में फूट दिखाने की कोशिश कर रहे थे। सारी तस्वीरों ने उस नैरेटिव को तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने एनडीए के नेता पीएम मोदी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) शाम 6 बजे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार को जनता ने तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका दिया है। मैं देश के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि पिछले दो कार्यकाल में देश जिस तेजी से आगे बढ़ा है, हर क्षेत्र में बदलाव दिख रहा है और 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना हर भारतवासी के लिए गर्व का क्षण है।
इससे पहले दिन में नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया, जिससे उनके तीसरी बार प्रधान मंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। संसद भवन में नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक भी हुई। संसद भवन के संविधान सदन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री का स्वागत ‘मोदी-मोदी’ के नारों से किया गया. जैसे ही वह बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे, प्रधानमंत्री ने सम्मानपूर्वक भारत के संविधान को अपने माथे से लगाया।
आपको बता दें कि बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं और कांग्रेस 99 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. एनडीए के पास 293 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा है और सरकार गठन पर समानांतर बैठक चल रही है. वहीं, विपक्षी गठबंधन के पास 234 सीटें हैं. हालांकि बीजेपी अपने दम पर बहुमत से पीछे रह गई, लेकिन हालात के मुताबिक वह अपने सहयोगियों के दम पर सरकार बना सकती है। आंध्र प्रदेश और बिहार में क्रमशः 16 और 12 सीटें जीतने वाली नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडी (यू) और अन्य गठबंधन सहयोगियों के समर्थन से, एनडीए ने आधे का आंकड़ा पार कर लिया है।