केदारनाथ। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले ही शासन-प्रशासन के बेहतर सुरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई है। स्थिति यह थी कि सारे अधिकारी तो हेलीकॉप्टर से धाम पहुंच गए, लेकिन पैदल यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नहीं था। डीजीसीए की टीम ने जिस तरह से हेलीपैड का हवा हवाई निरीक्षण किया वह भी सवालों के घेरे में है।
केदारघाटी के गुप्तकाशी, मैखंडा, फाटा सहित आठ स्थानों से हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन होना है, लेकिन हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री व्यवस्थाओं का कोई इंतजाम नहीं है। स्थिति यह रही कि डीजीसीए की टीम के निरीक्षण के साथ शासन-प्रशासन और अन्य महकमों के आला अधिकारी भी हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंच गए, लेकिन पैदल मार्ग से धाम जाने वाले बाबा के भक्तों को क्या-क्या दिक्कतें हो रही रही हैं इसे सुनने व देखने वाला पूरे पैदल मार्ग पर कोई सक्षम अधिकारी नहीं मिला।
केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा हमेशा ही सवालों के घेरे में रही है। बताया जा रहा है कि अब तक केदारनाथ यात्रा के लिए 40 हजार से अधिक यात्री हेली टिकट करवा चुके हैं, लेकिन यात्रा शुरू होने के एक दिन पहले गुप्तकाशी से सोनप्रयाग के बीच हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री इंतजाम एक भी नहीं दिखे।
हेलीकॉप्टर टिकट को लेकर दिल्ली से पहुंचे सुनील सोलंकी, झारखंड के नवदीप ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा कब से शुरू होगी इसके बार में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। नोडल अधिकारी राहुल चौबे से संपर्क करने के बाद उनसे बातचीत नहीं हो पाई।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोटी लिनचौली से बड़ी लिनचौली के बीच तीन हिमखंड पसरे हैं। यहां पर रास्ते की बर्फ साफ कर दी गई है, लेकिन हिमखंड से रिस रहे पानी से कीचड़ हो रहा है। इससे यात्रियों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। बता दें कि मंदिर को बीस कुंतल फूलों से सजाया गया है। देर शाम तक केदारनाथ में 16 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके थे, जबकि इसके बाद भी श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी था।