देहरादून। उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में पहाड़ की प्रियांशी रावत ने शतप्रतिशत अंक लाकर न केवल प्रदेश में टॉप किया है, बल्कि यूपी और उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षाओं में अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने प्रियांशी की इस सफलता के लिए उनसे बात कर उन्हें बधाई देते हुए कहा, उसने राज्य का नाम रोशन किया है।
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के परिणाम ने बता दिया कि पहाड़ की बेटियां किसी भी मायने में कम नहीं है। बेटियों का प्रदर्शन छात्रों से लगातार तीसरी बार बेहतर रहा है। जेबीएस राजकीय इंटर कालेज गंगोलीहाट पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने संयुक्त श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर उत्तराखंड की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं में अपना नाम दर्ज कर लिया है।
प्रियांशी ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 500 में 500 अंक प्राप्त कर रिकॉर्ड बनाया है, जबकि पिछले साल टिहरी गढ़वाल के सुशांत चंद्रवशी 99 प्रतिशत अंक के साथ टॉप किया था। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट बताते हैं कि उत्तराखंड बोर्ड का 2002 में विधिवत गठन हुआ था। उत्तराखंड बोर्ड के गठन के बाद से मेरिट के आधार पर अंक लाने वालों में प्रियांशी रावत के सबसे अधिक अंक हैं। जिसने अब तक की बोर्ड परीक्षाओं के सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं।
उन्होंने बताया, यह पहला मौका है, जब किसी छात्रा ने मेरिट के आधार पर 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शतप्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के इस साल 20 अप्रैल को जारी 10वीं के परीक्षा परिणाम में सीतापुर की प्राची ने 98.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।
उत्तराखंड बोर्ड की 2022 की परीक्षा में बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 84.06 और बालकों का 71.12 रहा। 2023 में बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 88.94 और बालकों का 81.48 रहा, जबकि इस साल बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.54 और बालकों का 85.59 प्रतिशत रहा।
यह मेरी नियमित रूप से चार घंटे की पढ़ाई का प्रतिफल है। मैं भविष्य में एनडीए कर सेना में अफसर बनकर देश सेवा करना चाहती हूं।
– प्रियांशी रावत, 10 वीं की टॉपर छात्रा
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई। यह आपके कठिन परिश्रम और लगन का प्रतिफल है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में राज्य और देश का नाम अवश्य रोशन करेंगे। परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थी निराश न हों, अभिभावकों से अनुरोध है कि बच्चों पर दबाव न बनाएं। उनका साथ दें। ये जीवन में सफलता का आखिरी मापदंड नहीं है। आप सभी पूरे मनोयोग और अधिक मेहनत के साथ प्रयास कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री