रानीखेत (अल्मोड़ा)। स्वच्छता अभियान और सफाई के दावों के बीच रानीखेत के खनिया में सड़क किनारे लगा कूड़े का ढेर सरकारी मशीनरी की लापरवाही की पोल खोल रहा है। स्वच्छता अभियान के तहत लाखों खर्च करने के बाद भी यहां कूड़े का ढेर हर दिन बढ़ रहा है, इसकी सफाई के प्रयास नहीं हो रहे। यहां कूड़ेदान तो स्थापित है, लेकिन कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है जो क्षेत्र के तीन हजार से अधिक लोगों के लिए मुसीबत बना है।
रानीखेत मुख्यालय से महज दो किमी दूर खनिया में सड़क किनारे लगा कूड़े का ढेर स्वच्छता के दावों की सच्चाई बयां कर रहा है। यहां कूड़ेदान स्थापित किया गया है, जहां लोग घरों से निकलने वाला कूड़ा फेंकते हैं। लेकिन लंबे समय बाद भी यहां कूड़ा उठाने की व्यवस्था न होने से कूड़े का ढेर जमा हो गया है। इससे निकलने वाली दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान हैं, और संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है।
हैरानी की बात यह है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और प्रमुख बाजारों से कूड़ा उठाने के लिए लाखों रुपये से वाहन खरीदे गए हैं। लेकिन अब तक यह कूड़ा वाहन यहां नहीं पहुंच सका है। इस मामले में खंड विकास अधिकारी ललित कुमार महावर और एडीओ पंचायत अली अहमद अंसारी से बात करनी चाही, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। संवाद
खनिया और आसपास के क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कूड़ा न उठने से पालतू जानवर इसे खा रहे हैं, इससे वे बीमार होने लगे हैं। हालात यह हैं कि जानवरों के उपचार के लिए चिकित्सकों को बुलाना पड़ रहा है। वहीं कूड़ा सड़ने से संक्रमण रोग फैलने का भी खतरा बना हुआ है।
बोले लोग-
- कूड़े का निस्तारण न होने से बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
– मानस बिष्ट। - कूड़ेदानों से रोजाना कूड़ा उठाया जाना चाहिए। लेकिन लंबे समय बाद भी यहां से कूड़ा नहीं उठा है, इससे हर कोई परेशान है।
– निखिल बिष्ट। - स्वच्छता के सभी दावे हवा हवाई हैं। पालतू जानवर कूड़े को खाकर बीमार हो रहे हैं, इससे पशुपालक परेशान हैं।
-अजय बिष्ट।