देहरादून। शहर कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कि ऑनलाइन सामान की डिलीवरी करने की आड़ में कंपनी को ही चूना लगा देते थे। आरोपित खुद कंपनी से सामान मंगवाते थे और फिर पार्सल को खोलकर उसमें रद्दी भरकर वापस कंपनी को भेज देते थे। आजियो कंपनी को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले चार डिलीवरी ब्वाय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
चारों ने कंपनी से कुछ ही दिनों में करीब 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोपितों के पास से कंपनी का माल और कुछ पालीथिन बरामद की गई हैं। शहर कोतवाल विद्याभूषण नेगी के अनुसार, आजियो कंपनी शैडोफैक्स नाम की कुरियर कंपनी के माध्यम से अपने सामान की डिलीवरी करती है। शैडोफैक्स कंपनी के एरिया मैनेजर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने धारा चौकी में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया था कि कई दिनों से ग्राहकों को भेजे गए पार्सल वापस आ रहे हैं।
डिलीवरी ब्वाय कहते हैं कि ग्राहक ने सामान वापस कर दिया है, लेकिन जब इन पार्सल को खालते हैं तो इनमें रद्दी या खराब सामान निकलता है। कंपनी ने जब इस मामले की अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि इसी प्रकार से अभी तक करीब 18 लाख रुपये का सामान गायब हुआ है। शहर कोतवाली पुलिस ने शनिवार रात को मुकदमा दर्ज आरोपितों की तलाश शुरू की। मोबाइल लोकेशन के आधर पर इन्हें त्यागी रोड से गिरफ्तार किया गया।
आरोपितों की पहचान सलीम अली निवासी घड़ी गोखन, मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, जयप्रकाश उर्फ दीपक झा निवासी ग्राम कनहोई थाना घनश्यामपुर जनपद दरभंगा बिहार, रोहन उर्फ दीपेंद्र चौधरी निवासी गोशन नगर, नागवास जनपद मधुबनी बिहार और बंटी निवासी खगौल रोड रामपुर दीनापुर थाना खगोल रामपुर पटना बिहार के रूप में हुई है। कुछ अन्य आरोपित अभी फरार बताए जा रहे हैं। आरोपितों के पास से कंपनी का सामान भी बरामद हुआ है।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपित बंटी ने बताया कि वह कंपनी के माल को एक फर्जी आइडी के माध्यम से किसी गलत पते पर मंगवाते हैं। वह पता फर्जी होता है तो आर्डर आटोमैटिक कैंसिल हो जाता है।
क्योंकि उस आर्डर की डिलीवरी हम ही करते हैं तो वह कैंसिल आर्डर वाले कीमती सामान को उस पैकिंग से निकाल कर उसके स्थान पर रद्दी या अन्य बेकार सामान पैक कर कंपनी को वापस कर देते हैं। कस्टमर के नाम से मंगवाए गए ब्रांडेड सामान को अलग से महंगे दामों में बेच देते हैं।
शहर कोतवाल विद्याभूषण नेगी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड 21 साल का बंटी है। काफी समय से वह पार्सल डिलीवरी का काम करता रहा था। एक दो-बार वह गड़बड़ी में पकड़ा गया, लेकिन कंपनी की ओर से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई।
ऐसे में आरोपित के हौंसले बुलंद हो गए और उसने अन्य को भी अपने साथ जोड़ा। अच्छी कमाई और संदेह न होने के चलते वह बड़ी संख्या में वह फर्जी पते पर सामान मंगवाकर धोखाधड़ी करने लगे। कंपनी को जब काफी नुकसान हुआ तब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की।
अपराधी ठगी करने के लगातार तरीके भी बदल रहे हैं। डिलीवरी ब्वाय की ओर से गैंग बनाकर इस प्रकार से कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने का यह पहला मामला प्रकाश में आया है।
आरोपितों ने उसी कंपनी को लाखों का चूना लगाया जहां वह नौकरी कर रहे थे। इनके गैंग में कुछ अन्य डिलीवरी ब्वाय भी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए पुलिस गिरफ्त में आ चुके चारों आरोपितों से पूछताछ कर रही है। इन्हें लगा कि वापस आए सामान पर कंपनी का ध्यान नहीं जाएगा।
जब पता ही गलत है तो भला कंपनी किस ग्राहक को पकड़ेगी, लेकिन जब कंपनी को ज्यादा नुकसान हुआ तो कंपनी प्रबंधन ने पुलिस की मदद मांगी। प्रतिष्ठा को देखते हुए अमूमन बहुत कम कंपनी किसी मामले को लेकर पुलिस के पास जाती है। एक कारण यह भी था कि गैंग के सरगना के पूर्व में पकड़े जाने के बाद भी वह लगातार कंपनी से धोखाधड़ी करता रहा।