बड़कोट (उत्तरकाशी)। उत्तरकाशी जिले के रवांई क्षेत्र के बनाल ठकराल पट्टी के प्रसिद्ध पौराणिक देवलांग मेले में देवदार के पेड़ के आगे के हिस्से के टूटने से भगदड़ मच गई। हालांकि बड़ी घटना होने से टल गई, लेकिन कई लोग चोटिल हुए हैं। रवांई क्षेत्र के बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी के गैर गांव में सदियों से दीपावली पर्व के एक माह बाद देवलांग मनाईं जाती है।
गुरुवार तड़के हजारों लोग देवलांग मेले में पहुंचे थे। देवलांग मेले में रवांई क्षेत्र के अलावा बाहरी जिले से भी मेलार्थियों का आना जाना होता है। आज तड़के मेले में दो समूहों द्वारा देवलांग को डंडों के सहारे खड़े करते समय देवदार के पेड़ का अगला भाग टूट गया। जिससे कई लोग यहां चोटिल हुए। हजारों लोग मेले में मौजूद थे। गनीमत रही बडा हादसा होने से टल गया।
रवांई क्षेत्र के इस अनोखे देवलांग मेले में गैर गांव में स्थित राजा रघुनाथ मंदिर परिसर में क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा विशाल देवदार का पेड़ लाया जाता है। मंदिर परिसर में आग जलाकर क्षेत्र की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दो समूहों साठी व पानसाई के द्वारा उसे डंडों के सहारे खड़ा किया जाता है और पूरा पेड़ देवलांग जलने तक मेला स्थल पर मेलार्थियों रहते हैं।
आज यह देवलांग खडे़ करते हुए हादसा हो गया। इसका अगला हिस्सा टूट गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने दूसरे देवलांग का इंतजाम किया।
देवलांग मेला क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य पवन पंवार,दिव्यांग बोर्ड सलाहकार समिति के सदस्य सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बड़ी घटना होने से टल गई है कुछ लोग आपसी भगदड़ से चोटिल हुए हैं।