
निश्चित ही यह निगम कार्मिकों की टीम भावना का परिणाम है कि दून ने देशभर के शहरों में बेहतर स्थान प्राप्त किया। कोशिश यही रहेगी कि भविष्य में और बेहतर किया जाए, ताकि हम शीर्ष 50 शहरों की सूची में शामिल हो सकें।
– मनुज गोयल, नगर आयुक्त
देहरादून। स्वच्छ शहर की उम्मीद का जो सपना दूनवासियों ने देखा था, वह काफी हद तक अब सच होता नजर आ रहा है। इसकी वजह जनता का स्वच्छता के प्रति जागरूक होना असल वजह है। साथ ही देहरादून नगर निगम की कार्यशैली में लगातार हो रहा सुधार भी दून शहर की स्वच्छता का एक कारक बना है। अपना दून अब स्वच्छता के पैमाने पर आगे बढऩे लगा है।
केंद्र सरकार की ओर से देश के स्वच्छ शहरों के जो आंकड़े शनिवार को जारी किए, उससे तो यही साबित होता है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में दून नगर निगम ने 13 अंकों की उछाल संग 69वां पायदान हासिल किया। गुजरे साल दून 82वें नंबर पर था। राज्य में समस्त नगर निगमों में भी दून अव्वल रहा।
महापौर सुनील उनियाल गामा ने इसका श्रेय निगम कर्मचारियों और शहरवासियों को दिया। महापौर ने कहा कि दून शहर ने बीते चार साल में स्वच्छता के लिहाज से बेहद सुधार किया है। यह सुधार जारी रखते हुए लक्ष्य अगली बार पहले 50 शहर में शामिल होना रहेगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम जारी होने के उपरांत महापौर गामा ने बताया कि प्रदेश के समस्त नगर निगमों में देहरादून ने पहला स्थान पाया है और इसका प्रदर्शन राष्ट्रीय व प्रदेश के औसत से बेहतर रहा। महापौर के अनुसार दून शहर ने वर्ष 2017 में 316वां, वर्ष 2018 में 257वां जबकि वर्ष 2019 में 384वां स्थान हासिल किया था। वर्ष-20 में केंद्र सरकार ने कुल शहरों की संख्या के साथ कईं अन्य बदलाव सर्वेक्षण में किए।
इसके बावजूद वर्ष 2020 में दून ने 124वां स्थान, जबकि वर्ष 2021 में अंतिम 100 शहरों की सूची में शामिल होकर निगम ने 82वां स्थान प्राप्त किया था। वर्ष-2022 में शीर्ष 50 शहरों में शामिल होने के लक्ष्य के साथ शहर की सड़कों और नाली-नालों की स्वच्छता समेत डोर-टू-डोर कूड़ा उठान में बेहद सुधार किया।
सभी सौ वार्डों में कूड़ा उठान सुदृढ़ कराकर तमाम संसाधन इसमें लगा दिए। यही वजह है कि दून ने अपनी रैकिंग में और सुधार करते हुए 69वां नंबर हासिल किया। यह उपलब्धि सरकार, नगर निगम व जनता के संयुक्त प्रयास का नतीजा है। इसी के साथ अब दून शीर्ष 50 शहरों के और करीब आ गया है। पहले नंबर का कब्जा बरकरारमहापौर गामा ने बताया कि दून ने राज्य में पहले नंबर के नगर निगम का अपना कब्जा बरकरार रखा है।
वर्ष 2019 में दून प्रदेश में छह नगर निगमों में पांचवें नंबर पर था मगर 2020 में सुधार करते हुए दून ने शहर प्रदेश में पहला नंबर प्राप्त किया था। वर्ष 2021 में यह स्थान कायम रहा था और 2022 में भी बढ़त कायम रही। स्वच्छ शहरों में दून को बढ़त दिलाने में दून नगर निगम के पूर्व आयुक्त अभिषेक रूहेला की अहम भूमिका रही। महापौर ने भी इसकी पुष्टि की। बता दें कि सर्वेक्षण के समाप्त होने के बाद गत अप्रैल में रूहेला का तबादला उत्तरकाशी जिलाधिकारी के पद पर हो गया था। वर्तमान में आइएएस मनुज गोयल दून नगर आयुक्त हैं।
मुख्यमंत्री ने दी शुभाकामना
स्वच्छ सर्वेक्षण में दून के श्रेष्ठ प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहरवासियों को शुभकामना दी है। सर्वेक्षण के परिणाम आने के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा व राजपुर विधायक खजानदास ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दून समेत प्रदेश के शेष शहरों ने भी अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। प्रदेशवासी स्वच्छता को लेकर सजग व जागरूक हैं।
दूनवासियों के सहयोग बिना यह स्थान पाना संभव नहीं था। जागरूक दूनवासियों ने अपने घरों और दुकान से निकलने वाले कूड़े को बाहर सड़क पर डालने या फैलाने के बजाए नगर निगम के कूड़ा उठान वाहनों में देना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब सड़क किनारे रखे कूड़ेदान कूड़े से भरे नहीं दिखते हैं। सड़कों पर बिखरा कूड़ा भी उठने से शहर साफ रहता है। अब दूनवासी न तो गंदगी पसंद करते हैं और न करने देते हैं। इस मुकाम के लिए सभी का आभार।