
देहरादून। बीते सप्ताह उत्तराखंड में मानसून की विदाई का ऐलान होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी। तापमान में गिरावट और बारिश थमने से मौसम सुहावना होने की उम्मीद थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद अचानक तेज दौर की बारिश ने सबको चौंका दिया। अब मौसम विभाग ने एक बार फिर अगले चार दिन प्रदेशभर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत समेत कई राज्यों में तेज और उमस भरी गर्मी पड़ रही थी। लगातार बढ़ते तापमान के कारण ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया। यही कारण है कि मानसून की विदाई की प्रक्रिया बाधित हो गई और एक बार फिर बादल सक्रिय होकर बारिश कराने लगे। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर ने बताया कि पांच से आठ अक्तूबर तक उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं। खासतौर पर छह और सात अक्तूबर को भारी से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके बाद मौसम के सामान्य होने की उम्मीद है।
तोमर ने कहा कि पोस्ट-मानसून सीजन में हल्की-फुल्की बारिश सामान्य तौर पर होती है, लेकिन इस बार निम्न दबाव के क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ के मिलन से मानसून की विदाई पूरी तरह से नहीं हो पाई। इसी वजह से प्रदेश में दोबारा तेज बारिश का दौर शुरू हुआ है।
बीते दिनों देहरादून में गर्मी अपने तेवर दिखा रही थी। गुरुवार को सुबह से ही तेज धूप खिली रही और तापमान बढ़कर 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री ऊपर 21.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। लेकिन दोपहर बाद आसमान पर बादल छा गए और शाम करीब पांच बजे तेज बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। शुक्रवार को भी जिले के कई हिस्सों में बारिश के आसार हैं और अधिकतम तापमान 33 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने पर्वतीय जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में बिजली चमकने और तेज दौर की बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
प्रदेशभर में दशहरे की तैयारियां जोरों पर हैं और ऐसे में मौसम का यह बदलाव लोगों की चिंताएं भी बढ़ा रहा है। हालांकि बारिश से खेतों को फायदा मिलेगा और वायुमंडल शुद्ध होगा, लेकिन पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन और जलभराव का खतरा भी बढ़ सकता है। यही वजह है कि प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
उत्तराखंड में मौसम का यह अचानक बदलना इस बात की ओर इशारा करता है कि इस बार मानसून पूरी तरह से विदाई नहीं ले पाया है और अक्टूबर के शुरुआती सप्ताह तक इसका असर प्रदेश में देखने को मिलेगा।