
उत्तरकाशी, 23 जून — चारधाम यात्रा मार्ग पर सोमवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया। जानकीचट्टी–यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौ कैंची के पास अचानक पहाड़ी दरक गई, जिससे भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया और कई यात्री इसकी चपेट में आ गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। सुरक्षा को देखते हुए यात्रा मार्ग पर आवाजाही को तत्काल रोक दिया गया है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मलबे से मुंबई निवासी रसिक (60 वर्ष) को निकाला गया है जिन्हें सिर पर चोटें आई हैं, हालांकि डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत खतरे से बाहर है। अन्य दबे हुए लोगों को निकालने का कार्य जारी है।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तत्परता
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और मार्ग को खाली कराने के प्रयास कर रही हैं।
प्रदेश में बारिश और भूस्खलन का खतरा बढ़ा
मौसम विभाग ने 22 से 26 जून तक उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, नैनीताल, टिहरी और चंपावत जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस चेतावनी को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसओईसी) ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
गंगोत्री हाईवे पर भी खतरा
गंगोत्री हाईवे पर सुक्की के सात नालों को लेकर भी संकट गहराता जा रहा है। हर वर्ष बारिश में इन नालों से आने वाला मलबा मार्ग को बाधित करता है, जिससे न केवल चारधाम यात्रियों बल्कि स्थानीय आठ गांवों के ग्रामीणों, सेना और आईटीबीपी के जवानों को भी आवाजाही में भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) से बार-बार इन नालों पर सुरक्षात्मक कार्य करवाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।