मंडी। मंडी शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच पर जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान पूर्व मंत्री और पार्षद के बीच कुर्सी को लेकर संग्राम देखने को मिला। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहन के सामने मंच पर कुर्सी को लेकर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी और भाजपा पार्षदों के बीच झगड़ा हो गया। नौबत हाथापाई तक की आ गई थी और मारने के लिए हाथ तक उठा दिया था, लेकिन बीच बचाव के कारण मामला शांत हो गया। भाजपा के दो पार्षद समारोह स्थल को छोड़कर चले गए।
पूरा घटनाक्रम वीआईपी सीट पर बैठने को लेकर हुआ। मुख्य अतिथि के आते ही पूर्व मंत्री और कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी सहित अन्य कांग्रेसी नेता कुर्सियों पर विराजमान हो गए। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट को कुर्सी नहीं मिली, जिस पर भाजपा पार्षदों ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी को खरी-खरी सुना दी। भाजपा पार्षदों की इस बात पर प्रकाश चौधरी भी आग बबूला हो गए और मंच पर ही मंत्री के सामने पार्षद राजा हरदीप सिंह के साथ तू-तू मैं-मैं शुरू हो गई।
बात इतनी बिगड़ गई कि नौबत हाथापाई तक की आ गई थी लेकिन बीच-बचाव के चलते मामला शांत करवाया गया। उद्योग मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मेयर के लिए कुर्सी का प्रबंध किया गया। इस गहमागहमी के बीच भाजपा पार्षद राजा हरदीप सिंह व वीरेंद्र आर्य कार्यक्रम छोड़कर वहां से चले गए।
भाजपा पार्षद राजा हरदीप सिंह ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार मंत्री के साथ नगर निगम के मेयर कुर्सी पर बैठ सकते थे, लेकिन वहां पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कब्जा कर लिया। जब इस प्रोटोकॉल के बारे में पूर्व मंत्री को अवगत कराया गया तो प्रकाश चौधरी ने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
भाजपा पार्षद के द्वारा पहले हारे और नकारे शब्द का इस्तेमाल किया गया। राजनीति में उनके अलावा और भी नेता हैं जो चुनाव हारे है लेकिन खुले मंच पर इस तरह भी भाषा का इस्तेमाल भाजपा पार्षदों को शोभा नहीं देता है।
-पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी