फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला द्वारा अपनी जान को खतरा बताए जाने के बाद मुंबई पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रही है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने उपनगरीय मुंबई में शुक्ला के कार्यालय के निकट गश्त तेज कर दी है और उनके आवास पर भी पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
अधिकारी ने कहा, हमें मनोज शुक्ला से एक आवेदन मिला है और हम उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, क्योंकि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि पुलिस खतरे को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस शुक्ला के आवेदन पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है। इससे पहले दिन में, मुंबई पुलिस की एक टीम ने शुक्ला के कार्यालय का दौरा किया और धमकी के बारे में उनसे बातचीत की।
अधिकारी ने बताया, ‘‘खतरे की आशंका का आकलन करने के बाद, पुलिस ने मुंतशिर के कार्यालय के पास गश्त तेज कर दी है। उनके आवास पर भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इस महीने की 16 तारीख को प्रदर्शित हुई इस बहुभाषी फिल्म के संवाद और भगवान राम एवं भगवान हनुमान सहित अन्य चरित्रों के चित्रण को लेकर तीखी आलोचना की जा रही है।
कई दर्शकों और राजनीतिक दल के नेताओं ने पात्रों, विशेष रूप से बजरंग (हनुमान) द्वारा उपयोग की जाने वाली अत्यधिक सरलीकृत की ओर इशारा किया। फिल्म में देवदत्त नाग ने हनुमान की भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, अयोध्या में संतों ने ‘‘आदिपुरुष’’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि इसके संवादों से उनका ‘‘खून खौल’’ रहा है।
शुक्ला ने रविवार को कहा था कि निर्माताओं ने ‘‘कुछ संवादों को संशोधित करने’’ का फैसला किया है। उन्होंने कहा था कि संशोधित पंक्तियां इस सप्ताह तक फिल्म में जोड़ दी जाएंगी। बाद में, टी-सीरीज़ ने कहा कि टीम ने जनता के इनपुट को महत्व देने के लिए आदिपुरुष के संवादों में बदलाव करने का फैसला किया है।