
देहरादून। उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे को लेकर राजधानी देहरादून में सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व स्तर पर कड़ी कर दी गई है। रविवार को राष्ट्रपति हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद देहरादून पहुंचीं और यहां उनके प्रवास के दौरान प्रशासनिक तैयारियाँ युद्ध स्तर पर की गई हैं। सोमवार को वह राज्य स्थापना दिवस के मौके पर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगी। इस अवसर को ऐतिहासिक और गरिमामय बनाने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियाँ की हैं।
राष्ट्रपति के देहरादून स्थित निवास स्थल से लेकर विधानसभा तक पूरे मार्ग को सुरक्षा दृष्टि से संवेदनशील घोषित किया गया है। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत राष्ट्रपति आशियाने के आसपास का क्षेत्र साइलेंट ज़ोन घोषित कर दिया है। आदेश के अनुसार ब्रह्मकमल चौक से लेकर राष्ट्रपति निकेतन और राजपुर रोड से मसूरी डायवर्जन तक लगभग 100 मीटर का क्षेत्र तथा विधानसभा भवन के चारों ओर 300 मीटर का दायरा साइलेंट जोन में रहेगा। इस दौरान इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों, पटाखों, माइक या लाउडस्पीकर का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। आदेश आज सुबह 10 बजे से लागू हो गया है और यह तीन नवंबर को राष्ट्रपति के प्रस्थान के एक घंटे बाद तक प्रभावी रहेगा।
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। एडीजी इंटेलीजेंस अभिनव कुमार और एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी. मुरुगेशन ने पुलिस बल को विशेष रूप से ब्रीफ किया और सुरक्षा के प्रत्येक स्तर की समीक्षा की। वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा का घेरा रहेगा। ऊँचे भवनों, टंकियों और आस-पास की इमारतों पर स्नाइपर, डॉग स्क्वॉड और बम डिस्पोजल यूनिट तैनात कर दी गई है। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए आपात प्रतिक्रिया टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है।
राष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए उनके मार्ग पर यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए वैकल्पिक रूट प्लान लागू किया गया है। स्थानीय निवासियों से प्रशासन ने अपील की है कि वे इस दौरान अनावश्यक आवाजाही से बचें और यातायात नियमों का पालन करें। सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति निकेतन और विधानसभा के आसपास किसी भी प्रकार के ड्रोन या अन्य उड़ान उपकरणों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान शहर में आम नागरिकों, खासकर स्कूली बच्चों को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने सोमवार को देहरादून के 20 स्कूलों में अवकाश घोषित किया है।
वहीं विधानसभा परिसर और आसपास के इलाकों को सजाया गया है। राज्य स्थापना दिवस के इस विशेष सत्र में राष्ट्रपति के अलावा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और सभी विधायक मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति के इस संबोधन को उत्तराखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है। राज्य की रजत जयंती के अवसर पर देश की प्रथम नागरिक का विधानसभा को संबोधित करना न केवल सम्मान की बात है बल्कि यह उत्तराखंड के अब तक के विकास की यात्रा पर राष्ट्र का ध्यान आकर्षित करेगा। सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के लिए यह दौरा एक चुनौती भी है, जिसका वे पूरी सतर्कता और समन्वय के साथ निर्वहन कर रहे हैं।






