
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचीं। रविवार सुबह करीब सवा दस बजे राष्ट्रपति विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना हुईं, जहां उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
हरिद्वार पहुंचने पर राष्ट्रपति का स्वागत पतंजलि योगपीठ के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण और स्वामी रामदेव ने पारंपरिक विधि से किया। समारोह में राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ और पदक प्रदान किए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी को परंपरा और आधुनिकता के संगम से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था भारतीय संस्कृति, आयुर्वेद और योग के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और शैक्षणिक पहचान के लिए विशेष महत्व रखता है। राज्य में उनके आगमन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तैयारियां की थीं। एयरपोर्ट से लेकर हरिद्वार तक सभी मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पुलिस, प्रशासन और एसपीजी के अधिकारियों ने मिलकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था का पूर्वाभ्यास किया। राष्ट्रपति के आवागमन के लिए चार हेलिकॉप्टर पहले ही देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे और इनकी उड़ान प्रक्रिया की रिहर्सल भी की गई थी।
राष्ट्रपति रविवार की रात्रि को हरिद्वार के राष्ट्रपति निकेतन में विश्राम करेंगी। सोमवार को वह राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष विधानसभा सत्र को सुबह 11 बजे संबोधित करेंगी। इस दौरान वह उत्तराखंड की रजत जयंती पर राज्य के विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और जनकल्याण योजनाओं पर अपने विचार रखेंगी। इसके पश्चात शाम को वह नैनीताल स्थित राजभवन में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगी।
तीन दिवसीय इस दौरे के अंतिम दिन मंगलवार को राष्ट्रपति कैंचीधाम जाकर प्रसिद्ध संत नीब करौरी बाबा के दर्शन करेंगी। इसके बाद वह कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होंगी और वहां भी विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगी। राष्ट्रपति के इस दौरे को उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह राज्य के 25 वर्षों की यात्रा को एक नई ऊर्जा और राष्ट्रीय पहचान प्रदान करने का अवसर है।
इधर, नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड के दौरे पर आएंगे। वह देहरादून के गुनियाल गांव में निर्मित सैन्यधाम का लोकार्पण करेंगे। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सैन्यधाम में म्यूजियम, थियेटर और लाइट एंड साउंड शो जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिनके माध्यम से देश के वीर बलिदानियों की गाथाओं और उनके पराक्रम को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाएगा।
राष्ट्रपति के इस दौरे के साथ उत्तराखंड में रजत जयंती समारोह का आगाज भव्य रूप से हो गया है। राज्य सरकार और जनता के लिए यह अवसर गर्व और प्रेरणा का है, जब राष्ट्र की प्रथम नागरिक उत्तराखंड की धरती पर राज्य के गौरव, संस्कृति और प्रगति का उत्सव मना रही हैं।






