
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को गुप्तकाशी पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य स्तरीय बाल विज्ञान महोत्सव में भाग ले रहे बाल वैज्ञानिकों से संवाद किया। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) की ओर से आयोजित यह महोत्सव पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय, गुप्तकाशी में दो दिवसीय (15–16 अक्तूबर) कार्यक्रम के रूप में हो रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “विज्ञान सिर्फ प्रयोगशाला तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन को सरल बनाने का माध्यम है। बच्चे जब छोटी उम्र से ही जिज्ञासु और प्रयोगशील बनते हैं, तभी देश के भविष्य में नई दिशा और दृष्टि आती है।”
महोत्सव में राज्य के सीमांत छह जनपद — चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और चंपावत से कुल 240 बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इन छात्रों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल शिक्षा, और आपदा प्रबंधन से जुड़े नवाचार शामिल रहे। सीएम धामी ने छात्रों के मॉडल और प्रस्तुतियों को ध्यानपूर्वक देखा और उनकी सराहना करते हुए कहा कि “आप सभी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की वह ऊर्जा है जो आने वाले समय में उत्तराखंड को टेक्नोलॉजी और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।”
उन्होंने शिक्षकों और आयोजकों से आग्रह किया कि ऐसे आयोजनों को गांव-गांव तक ले जाया जाए ताकि विज्ञान की सोच ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों तक भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और नवाचार को लेकर विशेष योजनाएं बना रही है, ताकि प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने के अवसर मिलें। महोत्सव के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में बच्चों के अलावा स्थानीय स्कूलों, विज्ञान शिक्षकों और अभिभावकों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। मंच पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागी छात्रों को “युवा वैज्ञानिक सम्मान प्रमाणपत्र” प्रदान किए और कहा कि “आप ही वह नई पीढ़ी हैं जो उत्तराखंड को ‘विज्ञान प्रदेश’ के रूप में स्थापित करेगी।”





