
चंपावत। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चंपावत जिले को एक बड़ा विकास तोहफा दिया। उन्होंने जिले के सर्वांगीण विकास की दिशा में कुल ₹115.23 करोड़ की लागत से 43 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें से 22 परियोजनाओं का लोकार्पण (₹51.37 करोड़) और 21 परियोजनाओं का शिलान्यास (₹63.86 करोड़) शामिल है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि “चंपावत का विकास, उत्तराखंड की आत्मा का विकास है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश के हर कोने में संतुलित और गुणवत्तापूर्ण विकास पहुंचे। आज की ये योजनाएं ‘आदर्श चंपावत’ के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।”
जनजीवन से जुड़ी योजनाओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शुरू की गई परियोजनाएं सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, पशुपालन और ग्रामीण अवसंरचना जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हैं। इनसे न केवल चंपावत की बुनियादी सुविधाएं मजबूत होंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया है, उन्हें समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ योजनाओं का उद्घाटन नहीं, बल्कि जनहित में उनका पूर्ण लाभ सुनिश्चित करना है।
मुख्य लोकार्पित परियोजनाएं
- लोक निर्माण विभाग (लोहाघाट निर्माण खंड): काठगोदाम–खुटानी–देवीधुरा–पंचेश्वर मार्ग पर विभिन्न स्थलों पर सड़क सुरक्षा कार्य।
- पीडब्ल्यूडी (प्रांतीय खंड, चंपावत): ललुआपानी–बनलेख मोटर मार्ग का हॉटमिक्स से सुधारीकरण (₹473.34 लाख)।
- ग्रामीण निर्माण विभाग, चंपावत: आबकारी विभाग के अनवासी भवन, हिडिंबा मंदिर का कुमाऊनी शैली में निर्माण, महादेव मंदिर स्थल का सुदृढ़ीकरण, लधौनधुरा मेला स्थल का सौंदर्यकरण।
- ब्रिडकुल, पिथौरागढ़: भींगराणा मंदिर का सौंदर्यकरण (₹74.25 लाख)।
- पेयजल निगम: राजकीय पॉलिटेक्निक चंपावत में एप्रोच रोड और डीआईईटी लोहाघाट में आवासीय भवन निर्माण।
- पर्यटन विभाग: एबट माउंट में अग्निशमन यंत्र, पंचेश्वर में एंग्लिंग सेंटर, कोलीढेक झील और चलथी में शौचालय निर्माण।
- कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में महिला छात्रावास और आईटी लैब का निर्माण।
मुख्य शिलान्यास योजनाएं
- पीडब्ल्यूडी (लोहाघाट निर्माण खंड): किमतोली–रौशाल–खिलपति मार्ग डामरीकरण, रुईनगाड़ पर पैदल सेतु, सिमलखेत मोटर मार्ग निर्माण।
- ग्रामीण निर्माण विभाग: सीएचसी लोहाघाट में चिकित्साधिकारियों हेतु ट्रांजिट हॉस्टल।
- ब्रिडकुल: निर्भया फंड के तहत महिला छात्रावास और राजकीय डिग्री कॉलेज पाटी भवन निर्माण।
- जल संस्थान: श्री पूर्णागिरी पंपिंग पेयजल योजना और ठुलीगाड़/बाबलीगाड़ पेयजल योजना।
- कृषि विपणन बोर्ड: वृद्ध आश्रम भवन और अंबेडकर भवन निर्माण।
- पर्यटन विभाग: बाणासुर किला संरक्षण और दशहरा मेला स्थल तामली का सौंदर्यकरण।
- नगर पालिका परिषद, चंपावत: देवभूमि रजत जयंती पार्क और विद्युत शवदाह गृह निर्माण।
चंपावत को मॉडल जिला बनाने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चंपावत को उत्तराखंड का “मॉडल जिला” बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि “सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन के साथ ग्रामीण विकास को जोड़ना ही समग्र प्रगति का रास्ता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार “अंत्योदय के सिद्धांत” पर कार्य कर रही है — यानी समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाना।
आत्मनिर्भर भारत और नशामुक्त समाज की दिशा में पहल
लोकार्पण कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने जीजीआईसी ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित “आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान” में भाग लिया। उन्होंने डिजिटल हस्ताक्षर कर नशामुक्त समाज, स्वच्छता, जल संरक्षण और आदर्श चंपावत के निर्माण का संकल्प दोहराया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा सम्मेलन में भाग लेकर नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से संवाद किया और उन्हें विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
बालिकाओं के साथ भोजन, आत्मीय संवाद
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की छात्राओं के साथ बैठकर भोजन किया। उन्होंने बालिकाओं से आत्मीय बातचीत की और कहा —
“आप ही उत्तराखंड का भविष्य हैं। शिक्षा, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार करें। राज्य सरकार हर कदम पर आपके साथ है।”
स्थानीय जनता में उत्साह और उम्मीद
इन विकास परियोजनाओं की घोषणा से पूरे चंपावत जिले में उत्साह का माहौल है। स्थानीय जनता का कहना है कि धामी सरकार ने जिस गति से चंपावत के विकास कार्यों को आगे बढ़ाया है, वह जिले को वाकई “आदर्श चंपावत” में बदल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन योजनाओं के पूर्ण होने से चंपावत क्षेत्र में पर्यटन, कृषि और स्थानीय रोजगार के नए द्वार खुलेंगे, जिससे न केवल आर्थिक सशक्तिकरण होगा बल्कि पलायन की समस्या भी घटेगी।





