
नई दिल्ली। दून स्कूल ओल्ड बॉयज़ सोसाइटी (DSOBS) ने एक ऐतिहासिक पहल की घोषणा की है। संगठन आगामी 14 अक्टूबर 2025 को देश की राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित इम्पीरियल होटल में पहला DOSCO समिट 2025 आयोजित करेगा। यह आयोजन दोपहर 2 बजे से आरंभ होगा और इसमें देश के जाने-माने नेता, उद्योगपति, शिक्षाविद और पूर्व छात्र शामिल होंगे।
समिट का उद्देश्य केवल पूर्व छात्रों का मिलन नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और बौद्धिक विमर्श का मंच तैयार करना है। यह सम्मेलन उन प्रश्नों पर केंद्रित होगा जो आज के समय में नेतृत्व, शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को परिभाषित करते हैं। दून स्कूल और उसके पूर्व छात्र समाज लंबे समय से उत्कृष्टता, सेवा और बौद्धिक जिज्ञासा की परंपरा को आगे बढ़ाते रहे हैं। DOSCO समिट इसी विरासत को समाज के बड़े दायरे में ले जाने का प्रयास है।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां
- उद्घाटन सत्र का शुभारंभ पूर्व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत करेंगे।
- दिनभर चलने वाले सत्रों में तीन पैनल चर्चा होंगी, जिनमें उद्योग, शिक्षा, नागरिक समाज और सार्वजनिक सेवा से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तित्व भाग लेंगे।
- विषयों में बदलते दौर में नेतृत्व की मांगें, शिक्षा की भूमिका और समाज के बड़े संकटों से निपटने में व्यक्तिगत एवं संस्थागत जिम्मेदारी शामिल होगी।
- समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे।
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने साझा किए विचार
DSOBS के अध्यक्ष सैयद जुनैद अल्ताफ़ ने कहा,
“DOSCO समिट स्कूल के सिद्धांतों को व्यापक समाज तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं बल्कि जिम्मेदारी की पहचान भी है। हम चाहते हैं कि इस मंच पर होने वाली बातचीत व्यक्तिगत सफलता से आगे बढ़कर समाज और सार्वजनिक उद्देश्य के सवालों से जुड़े।”
वहीं उपाध्यक्ष आकाश पुरी ने कहा,
“यह समिट एक बौद्धिक और सांस्कृतिक मंच है जहाँ अलग-अलग पीढ़ियों और क्षेत्रों के अनुभव एक साथ आएंगे। यह ईमानदारी, सेवा और नेतृत्व जैसे उन मूल्यों की फिर से पुष्टि करेगा, जिन्होंने दून स्कूल की नौ दशक लंबी परंपरा को आकार दिया है।”
DSOBS की विरासत
1938 में स्थापित दून स्कूल ओल्ड बॉयज़ सोसाइटी, दून स्कूल के पूर्व छात्रों का संघ है। यह संस्था उन पीढ़ियों को जोड़ती है जिन्होंने राजनीति, उद्योग, शिक्षा, संस्कृति और सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। DSOBS न केवल परंपरा का संरक्षक है बल्कि समकालीन समाज में प्रासंगिकता और जिम्मेदारी निभाने वाला मंच भी है।
DOSCO समिट 2025 को DSOBS एक मिसाल के रूप में देख रहा है। यह सम्मेलन आने वाले वर्षों में संवाद, चिंतन और सामाजिक जिम्मेदारी के स्थायी मंच का स्वरूप ले सकता है। संगठन का मानना है कि यह पहल अतीत और भविष्य, व्यक्तिगत उपलब्धियों और सामूहिक भलाई के बीच एक सेतु बनेगी।