
देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से आंदोलनरत राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने आखिरकार अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही वे आज से प्रभारी प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक का प्रभार भी दोबारा संभालेंगे। पिछले एक महीने से शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर यह प्रभार छोड़ दिया था।
आंदोलन का कारण
- शिक्षक पदोन्नति और तबादलों में देरी से नाराज थे।
- उनका कहना है कि प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति आधारित है, लेकिन विभाग इन पदों पर विभागीय सीमित परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है।
- इसके लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने शिक्षकों से आवेदन मांगे और परीक्षा तिथि भी घोषित कर दी।
शिक्षकों की मांग
- शिक्षकों का कहना है कि जब उनसे प्रभारी प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक का काम लिया जा रहा है, तो उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाना चाहिए।
- उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि लंबित मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे छुट्टी वाले दिन आंदोलन करेंगे, ताकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो।
संघ का रुख
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्युली ने बताया कि शिक्षक अब से सभी आवंटित और सामान्य कार्य करेंगे। लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर जल्द अमल करना ही होगा।