
देहरादून | देहरादून में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को हुई इस परीक्षा से जुड़ी जानकारी पुलिस और आयोग ने साझा की। पुलिस ने दावा किया कि अभी तक की जांच में पेपर लीक की साजिश में तीन लोगों की भूमिका सामने आई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पूरा प्रश्नपत्र बाहर नहीं गया बल्कि केवल एक सेट, एक अभ्यर्थी के लिए सेंटर से बाहर आया था।
एसएसपी अजय सिंह का बयान
एसएसपी अजय सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि पेपर लीक प्रकरण में एक अभ्यर्थी खालिद मलिक, उसकी बहन हीना और एक सहायक प्रोफेसर सुमन की भूमिका मिली है। रायपुर थाने में इनके खिलाफ उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की तह तक जाने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है और संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही मुख्य आरोपी खालिद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कैसे हुआ पेपर लीक?
पुलिस जांच में सामने आया कि पेपर का केवल एक सेट हरिद्वार के एक सेंटर से बाहर आया। खालिद खुद उसी सेंटर पर परीक्षा दे रहा था। आशंका है कि उसी के लिए पेपर बाहर भेजा गया, ताकि उसे सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जा सकें।
सेंटर से पेपर के स्क्रीनशॉट खालिद की बहन हीना तक पहुंचे। हीना ने ये सवाल आगे सहायक प्रोफेसर सुमन को भेज दिए और उनके जवाब मांगे। सुमन ने कुछ सवालों के जवाब भी भेज दिए। लेकिन जब उन्हें मामला संदिग्ध लगा तो वह पुलिस के पास जाने को तैयार हुईं।
बॉबी पंवार का नाम आया सामने
जांच में यह भी सामने आया कि प्रोफेसर सुमन ने इससे पहले बॉबी पंवार से संपर्क किया था। आरोप है कि बॉबी ने उन्हें पुलिस के पास जाने से रोका और कहा कि इस मुद्दे को प्रचारित करना चाहिए। पुलिस के मुताबिक, इससे मामला और उलझ गया।
परीक्षा की शुचिता पर पुलिस का दावा
एसएसपी अजय सिंह ने साफ किया कि इस मामले में कोई बड़ा गिरोह सामने नहीं आया है और न ही पूरा पेपर लीक हुआ है। यह मामला सिर्फ कुछ लोगों के बीच सीमित था। इसलिए परीक्षा की शुचिता पर कोई सवाल नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि अब मुख्य सवाल यह है कि सहायक प्रोफेसर सुमन साजिश का शिकार हुईं या फिर जानबूझकर इसमें शामिल थीं। यह बात खालिद से पूछताछ के बाद साफ होगी।
खालिद पर पुलिस की नजर
पुलिस सूत्रों के अनुसार, खालिद पूरे कांड का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह पेपर लीक कराकर खुद परीक्षा में फायदा उठाना चाहता था। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या उसके संपर्क में और भी छात्र-छात्राएं थे जिन्हें पेपर का लाभ मिला।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
पेपर लीक की खबर सामने आने के बाद उत्तराखंड में विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार और आयोग के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की है। कांग्रेस का आरोप है कि पेपर लीक की घटनाएं युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं और सरकार इसमें नाकाम रही है।
बड़ा सवाल
उत्तराखंड में बीते कुछ सालों से बार-बार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। हर बार पुलिस जांच करती है, कुछ नाम सामने आते हैं, लेकिन मामले लंबे समय तक खिंच जाते हैं। ऐसे में युवाओं और परीक्षार्थियों का भरोसा आयोग की प्रक्रियाओं पर कमजोर होता जा रहा है। इस बार पुलिस का दावा है कि पेपर का दायरा सीमित था, फिर भी यह सवाल बना हुआ है कि आखिर परीक्षा केंद्रों से प्रश्नपत्र कैसे बाहर निकलता है और इसकी जिम्मेदारी किसकी है।