
बरेली | बरेली में प्रेम संबंध के चलते घटित हुई एक दर्दनाक वारदात ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। यहां एक अस्पताल संचालक डॉक्टर ने अपनी नर्स प्रेमिका को पहले धोखे से नशे का इंजेक्शन लगाया, फिर उसकी पहचान छिपाने के लिए चेहरा बिगाड़ने हेतु तेजाब डाल दिया। युवती पांच दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही और रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से सामने आया कि युवती के शरीर में संक्रमण और सिर की चोटों ने उसकी जान ले ली।
प्रेम प्रसंग से बना दुश्मनी का कारण
बदायूं जिले के बिल्सी थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती कुछ साल पहले नर्सिंग कोर्स पूरा करने के बाद बरेली आई थी। यहां बीसलपुर चौराहे पर स्थित अनंतरूप अस्पताल में उसने नौकरी शुरू की। अस्पताल संचालक डॉ. श्रीपाल, जो पवन विहार कॉलोनी का रहने वाला है, ने युवती को प्रेमजाल में फंसा लिया। दोनों के बीच नजदीकियां इतनी बढ़ीं कि वह उसे अपने साथ संजयनगर में पति-पत्नी के रूप में किराए के मकान में रखने लगा।
लेकिन स्थिति तब बिगड़ी जब युवती को यह पता चला कि डॉ. श्रीपाल पहले से शादीशुदा है। युवती ने शादी के लिए दबाव बनाया, जिससे डॉक्टर के परिवार में कलह होने लगी। रिश्ते को समाप्त करने के बजाय डॉक्टर ने युवती को ही रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।
वारदात का दिन: 16 सितंबर
16 सितंबर को युवती ने पेट दर्द की शिकायत की। डॉक्टर उसे कार से डोहरा रोड ले गया और उसे ढोकला व बर्गर खिलाए। इसके बाद कार में ही उसने युवती को नशे के दो इंजेक्शन लगा दिए। युवती बेहोश हो गई।
बेहोशी की हालत में आरोपी उसे कार से उतारकर बड़ा बाइपास, गोपालपुर नगरिया के पास ले गया। यहां उसने युवती के कपड़े उतार दिए, ताकि घटना को दुष्कर्म से जोड़कर पेश किया जा सके। फिर उसने लोहे के पाने से सिर पर हमला किया और पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे और शरीर पर तेजाब डाल दिया। डॉक्टर को लगा कि युवती की मौत हो गई है, और पुलिस को लगेगा कि यह दुष्कर्म के बाद की हत्या है।
अस्पताल में पांच दिन तक जिंदगी और मौत की जंग
गंभीर रूप से झुलसी और घायल युवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पांच दिन तक इलाज चला लेकिन रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खौफनाक खुलासा
रविवार रात डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। जांच में सामने आया कि युवती के चेहरे और शरीर पर डाला गया तेजाब उसके मुंह और पेट तक पहुंच गया, जिससे उसकी आंतों और पेट में संक्रमण फैल गया। इसके साथ ही सिर पर पड़े गहरे घावों से खून का थक्का बन गया, जिसने संक्रमण को और बढ़ा दिया। इसी कारण उसकी मौत हुई।
आरोपी डॉक्टर की चाल और पुलिस पूछताछ
शुरुआत में पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी डॉक्टर ने बीमारी का बहाना बनाया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट में उसके स्वस्थ होने की पुष्टि के बाद शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। पुलिस के सामने सबूत रखे जाने पर आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
अब उसके खिलाफ हत्या की धारा (302 IPC) बढ़ाई जाएगी।
परिवार का आक्रोश और फांसी की मांग
युवती के परिजन गुस्से में हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी को बहलाकर डॉक्टर ने परिवार के खिलाफ भड़काया और झूठे शपथपत्र बनवाए। परिवार इस कारण बेटी से नाराज भी हो गया था, लेकिन बाद में उन्हें असली सच्चाई का पता चला कि इस पूरे विवाद और मनमुटाव की जड़ डॉ. श्रीपाल ही था।
परिजनों ने मांग की है कि आरोपी को कम से कम फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और डॉक्टर या प्रभावशाली व्यक्ति इस तरह का जघन्य अपराध करने की हिम्मत न जुटा सके।
समाज में गूंजा सवाल
यह वारदात न सिर्फ प्रेम-प्रसंग की एक खौफनाक परिणति है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों पर भरोसे को भी झकझोरती है। जिस डॉक्टर पर इलाज और सेवा की जिम्मेदारी थी, वही अपराधी निकला। अब समाज में सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक महिलाएं इस तरह के षड्यंत्रों और हिंसा का शिकार होती रहेंगी।