
सोनीपत | सोनीपत में एक महिला की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। आरोप है कि निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर उसके साथ बड़ा खेल किया गया। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने परिजनों को बिना बताए महिला की दोनों किडनियां निकाल दीं। हालत बिगड़ने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां करीब सोलह महीने तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद सोमवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला क्या है?
राजेंद्र नगर निवासी आनंद की पत्नी वीणा का बीते 20 महीनों से बहालगढ़ रोड स्थित ट्यूलिप अस्पताल में उपचार चल रहा था। वीणा की एक किडनी में पथरी थी और उसमें संक्रमण भी शुरू हो गया था। चिकित्सक गौरव रंधावा ने किडनी निकालने की सलाह दी। परिजनों की सहमति के बाद 1 मई 2024 को ऑपरेशन किया गया।
लेकिन परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बिना जानकारी और अनुमति के वीणा की दूसरी किडनी भी निकाल दी। इसके बाद महिला की हालत अचानक गंभीर हो गई और उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। महीनों तक हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आखिरकार सोमवार को वीणा की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप और पुलिस की कार्रवाई
पति आनंद ने बताया कि डॉक्टर ने पहले ही उनकी पत्नी को बचाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन बाद में यह चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई कि दोनों किडनियां निकाल दी गईं। परिवार का कहना है कि यह सीधे-सीधे लापरवाही और हत्या जैसा अपराध है।
घटना की सूचना पर पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी चिकित्सक गौरव रंधावा के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
अस्पताल प्रशासन का बयान
ट्यूलिप अस्पताल की निदेशक डॉ. अनुपमा सेठी ने सफाई देते हुए कहा कि ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक गौरव रंधावा अब अस्पताल में कार्यरत नहीं हैं। उन्होंने पूरे मामले से खुद को अलग बताया और कहा कि यह व्यक्तिगत चिकित्सक की जिम्मेदारी थी।
सवालों के घेरे में अस्पताल
यह मामला अब कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है—
- क्या अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले से अनजान था?
- ऑपरेशन से पहले ली गई सहमति में क्या स्पष्ट उल्लेख था कि केवल एक किडनी निकाली जाएगी?
- बिना परिजनों को बताए दूसरी किडनी निकालने जैसी बड़ी लापरवाही पर अस्पताल की जिम्मेदारी क्यों तय न की जाए?
स्थानीय लोग और परिजन मांग कर रहे हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई हो और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।