
चमोली जिले में आई अतिवृष्टि और आपदा की भयावह तस्वीरें अब केंद्र सरकार के संज्ञान में पहुंच चुकी हैं। सोमवार को केंद्र की अंतर-मंत्रालयीय टीम चमोली के थराली क्षेत्र में पहुंची और वहां आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके अलावा टीम ने थराली के साथ-साथ चेपडो, नंदानगर, कर्णप्रयाग और जोशीमठ का एरियल सर्वे भी किया।
जिलाधिकारी ने रखी विस्तृत रिपोर्ट
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पूरी आपदा रिपोर्ट टीम के समक्ष प्रस्तुत की। इसमें थराली, चेपडो और नंदानगर जैसे क्षेत्रों में हुए नुकसान और सरकारी परिसंपत्तियों की क्षति का विस्तार से ब्यौरा दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, चमोली जिले को इस आपदा से अब तक 115 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
सड़कें सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त
प्रशासनिक रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की सड़कों को पहुंचा है। कई सड़कें टूट गई हैं या धंस गई हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है। परिवहन ठप होने से न केवल राहत-बचाव कार्य प्रभावित हुए हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं।
मानवीय क्षति और आजीविका पर असर
मानवीय क्षति के मामले में थराली क्षेत्र अपेक्षाकृत सुरक्षित रहा, लेकिन पूरी तरह से अनहोनी से बचा नहीं जा सका। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, एक युवती की मौत हुई है और एक व्यक्ति लापता है। इसके अलावा, कई परिवारों के आशियाने मलबे में तब्दील हो गए हैं। घरों के टूटने और बर्बाद होने से ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
साथ ही, आपदा ने स्थानीय व्यापार और आजीविका को भी गहरी चोट दी है। 50 से अधिक दुकानों के क्षतिग्रस्त हो जाने से छोटे कारोबारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी भारी झटका लगा है।
केंद्रीय टीम की भूमिका
राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी में टीम ने आपदा से हुई क्षति का आकलन किया। निरीक्षण और सर्वेक्षण के बाद यह टीम अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर प्रभावित क्षेत्र के पुनर्निर्माण और राहत पैकेज की घोषणा होने की उम्मीद है।