
उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था को चुनौती देती एक गंभीर और सनसनीखेज घटना बुधवार दोपहर सामने आई, जब पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में पेशी के लिए ले जाए जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी पर बदमाशों ने सरेआम गोलियां बरसा दीं। यह हमला लक्सर-हरिद्वार हाईवे पर स्थित ओवरब्रिज पर उस समय हुआ, जब पुलिस का वाहन जाम में फंस गया था। अचानक हुए इस हमले से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कुछ देर के लिए यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
रुड़की कारागार में बंद मेरठ निवासी विनय त्यागी को धोखाधड़ी के एक मामले में लक्सर एसीजेएम कोर्ट में पेश किया जाना था। बुधवार को कारागार से चालक सहित छह पुलिसकर्मी सरकारी टाटा सूमो वाहन में उसे लेकर रवाना हुए थे। जैसे ही वाहन ओवरब्रिज के बीच पहुंचा, आगे लगे जाम के कारण उसे रोकना पड़ा। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे दो बाइकों पर सवार नकाबपोश बदमाश अचानक सामने आए और पुलिस वाहन को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले में विनय त्यागी को तीन गोलियां लगीं और वह वाहन के अंदर ही गिर पड़ा। हालांकि पुलिसकर्मी किसी तरह जान बचाने में सफल रहे, लेकिन दो पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। चंद सेकंड में हुई इस वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश हथियार लहराते हुए भीड़ के बीच फरार हो गए। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों में दहशत फैल गई और हाईवे पर भगदड़ जैसे हालात बन गए।
घायल विनय त्यागी को तत्काल लक्सर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए कड़ी पुलिस सुरक्षा में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल, सीओ नताशा सिंह, कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण, मंगलौर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह और खानपुर थाना प्रभारी धर्मेंद्र राठी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
घटना के बाद पूरे इलाके में नाकाबंदी कर दी गई है और हमलावरों की तलाश के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के साथ-साथ संभावित अपराधियों से पूछताछ में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच में यह भी देखा जा रहा है कि हमला आपसी गैंगवार का परिणाम था या फिर आरोपी को रास्ते से हटाने की साजिश।
एसपी ग्रामीण शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं और पेशी के दौरान जाम में फंसने का फायदा उठाकर हमलावरों ने उस पर गोली चलाई। उन्होंने कहा कि हमलावरों की पहचान कर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भारी आपराधिक इतिहास वाले कैदियों की पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कितनी पुख्ता है। दिनदहाड़े पुलिस वाहन पर हमला न केवल कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौती है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाने वाला मामला बन गया है।




