
सहारनपुर के घंटाघर स्थित एक होटल में पुलिस ने चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका सहित अन्य देशों के विदेशी नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट का झांसा देकर साइबर ठगी की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सात पुरुष और चार महिलाएं शामिल हैं। इनके कब्जे से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे लैपटॉप, मोबाइल फोन, हैडफोन और चार्जर बरामद हुए हैं।
पुलिस लाइन में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि कुछ दिनों से शहर कोतवाली पुलिस और साइबर क्राइम सेल को घंटाघर इलाके के एक होटल से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। जांच के बाद शुक्रवार को होटल में छापा मारा गया, जहां कॉल सेंटर का संचालन हो रहा था। गिरफ्तार आरोपियों में दिल्ली निवासी रोहित शर्मा, करण सरीन, सोनिया, विक्रम, असम के अलींग दौलगुपुनू, मणिपुर के जसटीन उर्फ जेनगुलीन सिंगसन, सैमुअल, दार्जलिंग के प्रयास, निकिता, नागालैंड के चेनॉयहुन और सायरोनिलिया शामिल हैं। ये सभी लगभग एक महीने से इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कर रहे थे।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अमेरिका के नागरिकों के कंप्यूटर में वायरस जैसे पॉप-अप मैसेज भेजते थे। फिर खुद को टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताकर आई बीम कॉलिंग माइक्रोसिप इनकमिंग एप्लिकेशन के जरिए फोन कॉल करते थे। इसके बाद, अल्ट्राव्यूअर नामक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवा कर कंप्यूटर स्क्रीन का एक्सेस लेकर झूठे वायरस अलर्ट दिखाते थे। फिर पीड़ितों को बताया जाता था कि उन्होंने प्रतिबंधित वेबसाइटों पर लेन-देन किया है और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। डराने-धमकाने के बाद, उनसे गूगल प्ले, एप्पल, टारगेट, नाइक जैसे ब्रांड्स के गिफ्ट कार्ड खरीदने को कहा जाता था। ये गिफ्ट कार्ड आरोपी मैनेजर अनिरुद्ध और साथी रविंद्र सिंह तक पहुंचाकर नकद में बदले जाते थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी विक्रम के खिलाफ गुरुग्राम के थाना उद्योग नगर में भी एक मामला दर्ज है। यह गिरोह अपने कुकर्मों से विदेशी नागरिकों को लाखों रुपये का चूना लगाकर भारी मुनाफा कमा रहा था। एसपी सागर जैन ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार हो तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें। पुलिस साइबर अपराधों के विरुद्ध सख्ती से लड़ रही है और ऐसे अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि डिजिटल युग में जागरूकता और सतर्कता बहुत जरूरी है, ताकि साइबर ठगों के जाल में न फंसा जाए और डिजिटल अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके।