
गयाजी जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डुब्बा गांव के पास शुक्रवार की सुबह एक 55 वर्षीय व्यक्ति का शव संदिग्ध हालात में मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक की पहचान गन्नी पीपरा गांव निवासी फुलौरी यादव के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद इलाके में भारी तनाव व्याप्त है और ग्रामीण न्याय की कड़ी मांग कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, शव मिलने के बाद फतेहपुर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में शव के सिर पर गंभीर चोटें और चेहरे पर काले-कालिख वाले निशान पाए गए, जिनसे स्पष्ट होता है कि फुलौरी यादव की पिटाई की गई है। पुलिस को आशंका है कि उनकी हत्या लाठी-डंडे से मार-मारकर की गई है।
घटना की खबर फैलते ही आसपास के इलाके में लोग जमा होने लगे और मृतक के परिजनों का हाल बेहाल हो गया। पूरे क्षेत्र में मातमी सन्नाटा और भय का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि फुलौरी यादव पिछले कुछ दिनों से किसी प्रकार के विवाद में नहीं थे और उन्हें कोई दुश्मन भी ज्ञात नहीं है, जिससे इस हत्या की गुत्थी और पेचीदा हो गई है। थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा और आगे की जांच को गति दी जाएगी।
परिजन और स्थानीय लोग दोषियों की त्वरित गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और इस घटना को जघन्य हत्या करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। पुलिस भी मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि अपराधियों को पकड़ कर कड़ी सजा दिलाई जा सके। यह मामला इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है क्योंकि यह घटना एक बार फिर से ग्रामीण सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन को इस संदिग्ध हत्या की जांच में शीघ्रता लानी होगी और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाना होगा।
गयाजी पुलिस ने आसपास के इलाकों में सघन जांच और छानबीन के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात किया है ताकि घटना से जुड़े अन्य पहलुओं का पता लगाया जा सके। साथ ही, इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी पुलिस अलर्ट मोड पर है। इस घटना ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस प्रकार के घातक अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करें ताकि आम नागरिकों का जीवन सुरक्षित रहे और वे भयमुक्त होकर रह सकें।